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पूर्व सीएम के नामों की सूची पेश करने मिले समय: सरकार

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। सरकारी आवासों के दुरुपयोग को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में पूर्व सीएम को मिले आवासों की जानकारी पेश करने हाईकोर्ट ने मंगलवार को चार सप्ताह का समय दिया है। इससे पहले सरकार की ओर से कहा गया कि सूची बनाने में कुछ समय लग रहा, इसलिए उन्हें कुछ मोहलत दी जाए। इस पर चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा कि शायद सूची में काफी नाम हैं, इसीलिए उसमें वक्त लग रहा है। युगलपीठ ने यह भी कहा कि जरूरी हो तो हम सेक्रेटरी को तलब कर लेते हैं। अगली सुनवाई पर सूची पेश करने के बयान पर युगलपीठ ने सुनवाई मुलतवी कर दी।
हाईकोर्ट ने यह निर्देश जबलपुर के सिविल लाईन में रहने वाले लॉ स्टूडेंट रौनक यादव की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए। इस याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने 24 अप्रैल 2016 को एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत प्रदेश पूर्व सीएम को सामान्य वेतन तथा भत्ते मिलने का उल्लेख किया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि उन्हें सरकारी बंगला भी पूरी उम्र आवंटित रहेगा। याचिकाकर्ता का कहना है कि पद से हटने के बाद किसी भी सीएम के नाम पर सरकारी बंगले का आवंटन जारी रहने को सुप्रीम कोर्ट ने गलत बताया है। याचिका में मप्र की पूर्व सीएम उमा भारती, कैलाश जोशी व कांग्रेस के दिग्विजय सिंह का हवाला देकर कहा गया है कि सीएम पद पर न होने के बाद भी वे अभी भी सरकारी बंगले पर काबिज हैं, जो अवैधानिक है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया नया आदेश खारिज होने योग्य है। मामले पर विगत 20 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पूर्व सीएम को मिले आवासों की सूची पेश करने के निर्देश दिए थे।
मामले पर मंगलवार को आगे हुई सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सरकार को एक और मोहलत प्रदान की। सुनवाई के बाद युगलपीठ द्वारा सुनाए गए विस्तृत आदेश की फिलहाल प्रतीक्षा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विपिन यादव पैरवी कर रहे हैं।
Created On :   24 Oct 2017 11:57 PM IST