अदालत का समय नष्ट करने पर हाईकोर्ट ने दो कंपनियों पर लगाया पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना

HC imposes fine of five lakh rupees on two companies for destroying court time
अदालत का समय नष्ट करने पर हाईकोर्ट ने दो कंपनियों पर लगाया पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना
अदालत का समय नष्ट करने पर हाईकोर्ट ने दो कंपनियों पर लगाया पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अदालत का समय नष्ट करने के लिए टोल वसूली से जुड़ी दो कंपनियों पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है और उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने दोनों कंपनियों को दो सप्ताह के भीतर टाटा कैंसर अस्पताल में जुर्माने की रकम जमा करने का निर्देश दिया है। याचिक में मुख्य रुप से राज्य सरकार को उसकी साल 2016 की एक अधिसूचना के तहत अनुबंध से जुड़े विवाद के लिए मध्यस्थता(अर्बीट्रेशन संस्थान) की व्यवस्था उपलब्धता कराने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।

खंडपीठ ने सुनवाई के बाद पाया कि याचिकाकर्ताओं के टोल से जुड़े ठेके समाप्त हो गए है। उनका महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) के खिलाफ कोई दावा नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि इस याचिका के जरिए पहले से लंबित मामले के बोझ से दबी अदालत के बहुमूल्य समय को नष्ट किया गया है। जिसका उपयोग दूसरे मामलों की सुनवाई के लिए हो सकता था। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने एमईपी आरजीएसएल टोल ब्रीज प्राइवेट लिमिटेड व राइमा टोल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर पांच –पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया। 

 

Created On :   6 Nov 2020 8:11 PM IST

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