मानहानि केस : रतन टाटा के खिलाफ़ निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार, अंजलि दमानिया को राहत

HC refuses to ban trial against Ratan Tata and others in lower court
मानहानि केस : रतन टाटा के खिलाफ़ निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार, अंजलि दमानिया को राहत
मानहानि केस : रतन टाटा के खिलाफ़ निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार, अंजलि दमानिया को राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को कारोबारी नुस्ली वाडिया की ओर से उद्योगपति रतन टाटा व टाटा सन्स के कुछ निदेशकों के खिलाफ मैजिस्ट्रेट कोर्ट में की गई शिकायत की सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। वाडिया ने मैजिस्ट्रेट कोर्ट में टाटा और टाटा सन्स के निदेशकों के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत की है। न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने सुनवाई के बाद अपने 18 मार्च के उस आदेश को जारी रखने से इंकार कर दिया जिसके तहत मैजिस्ट्रेट कोर्ट को वाडिया की शिकायत पर 27 मार्च तक सुनवाई करने से रोका गया था। वाडिया की ओर से निचली अदालत में की गई शिकायत को रद्द करने की मांग को लेकर रतन टाटा व टाटा सन्स के निदेशकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। टाटा की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति भाटकर के सामने मैजिस्ट्रेट कोर्ट की सुनवाई पर लगी रोक को आगे भी जारी रखने का आग्रह किया। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने वाडिया की शिकायत पर 12 जुलाई को सुनवाई रखी है। हाईकोर्ट इससे पहले इस प्रकरण की सुनवाई करेगी। इसलिए मैजिस्ट्रेट कोर्ट की सुनवाई पर रोक लगाने की जरुरत नहीं है। न्यायमूर्ति ने स्पष्ट किया कि यदि 12 जुलाई से पहले हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं होती है तो याचिकाकर्ता राहत की मांग को लेकर उचित आवेदन दायर कर सकते है। हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई 18 अप्रैल को रखी है। इससे पहले न्यायमूर्ति के सामने अदालत में मामले की सुनवाई को लेकर तय किए जानेवाले रोस्टर को लेकर काफी बहस हुई। वाडिया की ओर से अधिवक्ता आबाद पोंडा ने न्यायमूर्ति के सामने पक्ष रखा। दिसंबर 2018 में मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने वाडिया की शिकायत को लेकर रतन टाटा व टाटा सन्स के कुछ निदेशकों को नोटिस जारी किया था। वाडिया ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स कंपनी के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद उद्योगपति रतन टाटा व कंपनी के निदेशकों ने मेरे खिलाफ मानहानिपूर्ण बयान दिए थे। वाडिया इंडियन होटल कंपनी, टाटा मोटर्स व टाटा स्टील कंपनी के स्वतंत्र निदेशक थे। जिन्हें बाद में हटा दिया गया था। 

सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया को हाईकोर्ट ने दी राहत

इसके अलावा बांबे हाईकोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से के समर्थकों की ओर से दायर किए गए मानहानि से जुड़े मामलों में सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया को राहत प्रदान की है। बुधवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे ने दमानिया के खिलाफ राज्य के ‌विभिन्न इलाकों में दायर किए गए 32 में से 21 मानहानि से जुड़े मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दी है।सुनवाई के दौरान दमानिया की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिहीर देसाई ने कहा कि जलगांव, जालना, बुलढाणा, नंदुरबार, नाशिक व धुले में मेरे मुवक्किल के खिलाफ मानहानि के 32 मामले दायर किए है। यह मामले मेरे मुवक्किल को परेशान करने के लिहाज से अलग-अलग जगहों में दायर किए गए है। हमारी मांग है कि इन मामलों पर एक जगह एकत्रित सुनवाई की जाए। इन दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने दमानिया के खिलाफ दायर किए गए मानहानि से जुड़े मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दी। और अन्य मामलों को लेकर अलग से याचिका दायर करने को कहा है। दैनिक भास्कर से बातचीत में दमानिया ने बताया कि मैंने पूर्व मंत्री खड़से के भ्रष्टाचार को लेकर जलगांव में एक प्रेस वार्ता की थी। और एक टीवी न्यूज चैनल की बहस में हिस्सा लिया था। प्रेसवार्ता व चैनल में कही गई बातों के आधार पर खडसे के कथित समर्थकों ने मेरे खिलाफ राज्य के 6 जिलों में अलग-अलग जगहों पर मानहानि का दावा दायर किया है। जिसको लेकर अदालत की ओर से मुझे चार जगहो पर समन भी जारी किए गए है। पर अब मुझे अदालत से राहत मिल गई है।  

Created On :   27 March 2019 2:37 PM GMT

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