तलाक के बाद पत्नी को साथ रखना चाहता था पति, हाईकोर्ट ने की याचिका खारिज

hc rejected the petition of husband, wanted to keep the wife together after talaq
तलाक के बाद पत्नी को साथ रखना चाहता था पति, हाईकोर्ट ने की याचिका खारिज
तलाक के बाद पत्नी को साथ रखना चाहता था पति, हाईकोर्ट ने की याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क जबलपुर। हाईकोर्ट ने उस पति की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका मंगलवार को खारिज कर दी, जिसने अपनी पत्नी को बंधक बनाने के आरोप कुछ असामाजिक तत्वों पर लगाए थे। मंगलवार को जस्टिस सुजय पॉल की वेकेशन बैंच के सामने याचिकाकर्ता की पत्नी हाजिर हुई। उसने अदालत को बताया याचिकाकर्ता आए दिन उसके साथ मारपीट करता था। चूंकि वह (पति) मुझे तीन बार तलाक बोल चुका है अब क्यों मुझे वो अपने साथ रखना चाहता है। मैं अपनी मर्जी से अपने भाई के साथ रह रही हूं, इसलिए अब याचिकाकर्ता के साथ रह पाना मुमकिन नहीं है। उसके बयान को सुनकर अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
यह याचिका गोहलपुर में रहने वाले शेख जहूर की ओर से दायर की गई थी। आवेदक का कहना था कि उसका निकाह 15 साल पहले सबीना बी के साथ हुआ था। निकाह के बाद सकीना ने चार बच्चियों और एक बेटे को जन्म दिया। याचिकाकर्ता का आरोप था कि उसके पड़ोस में रहने वाले कुछ असामाजिक तत्वों से उसका कुछ दिन पहले विवाद हुआ था। उन्होंने याचिकाकर्ता को धमकी भी दी थी। इसके बाद 30 मई 2017 की रात को जब याचिकाकर्ता अपने काम से वापस घर लौटा तो उन्हीं आसामाजिक तत्वों ने बताया कि उन्होंने सकीना को उत्तरप्रदेश में रहने वाले एक व्यक्ति को बेच दिया है। याचिकाकर्ता ने पहले आसपास में सकीना को खोजने की कोशिश की। जब उसका कहीं कुछ पता न चला तो उसने गोहलपुर थाने में गुम इंसान की सूचना दर्ज कराई। इसके बाद लगातार प्रयास करने के बाद भी पत्नी का पता न चलने पर याचिकाकर्ता की ओर से यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर हाईकोर्ट ने पूर्व में याचिकाकर्ता की पत्नी को कोर्ट में पेश करने के निर्देश जबलपुर पुलिस को दिए थे।
मंगलवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान गोहलपुर थाने के एसआई भरत सिंह ने याचिकाकर्ता की पत्नी सकीना को कोर्ट में पेश किया। सकीना ने याचिकाकर्ता के साथ न रहने की वजह कोर्ट को बताई। साथ में यह भी कहा कि वह अपनी मर्जी से अपने भाई के साथ उसके घर में रह रही हूं और याचिकाकर्ता के साथ तो बिल्कुल भी नहीं रहना चाहती। उसके बयान पर गौर करने के बाद वेकेशन बैंच ने याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को नाकाफी पाते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी।

 

Created On :   27 Dec 2017 1:22 PM IST

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