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बेरोजगार पति की याचिका खारिज, पत्नी को देगा गुजारा भत्ता

डिजिटल डेस्क,मुंबई। खुद को बेरोजगार बताकर पत्नी को गुजार भत्ता देने में असमर्थता जाहिर करनेवाले पति की याचिका को बांबे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया । हाईकोर्ट ने कहा कि पति में कमाने की क्षमता है। इसलिए पत्नी को गुजाराभत्ता देने के आदेश को कायम रखा जाता है।
जस्टिस शालिनी फणसालकर जोशी ने पति की याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। निचली अदालत ने पत्नी को 30 हजार रुपए प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान पति के वकील ने दावा किया कि पारिवारिक अदालत ने जब गुजारे भत्ते का अंतरिम आदेश दिया था, उस समय वे नौकरी पर नहीं थे। इसलिए गुजारेभत्ते के आदेश को खारिज किया जाए।
मामले से जुड़े रिकार्ड पर गौर करने के बाद जस्टिस ने पाया कि पति 30 वर्षों तक कारपोरेट जगत में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुका है। उसके पास काम का अच्छा खासा अनुभव है, जो यह दर्शाता है कि पति में कमाने की क्षमता है। जबकि पत्नी ने घरेलू जिम्मेदारी निभाने के लिए काफी पहले नौकरी छोड़ दी थी। अब उसके लिए दोबारा नौकरी की शुरुआत कर पाना मुश्किल है। इसलिए पत्नी को गुजारा भत्ते से वंचित नहीं रखा जा सकता है। यह उसका कानूनी हक भी है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है। गौरतलब है कि मामले से जुड़े दंपति की उम्र 50 से ऊपर है।
Created On :   21 Oct 2017 7:13 PM IST