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औद्योगिक न्यायाधिकरण में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न करने पर केंद्र को फटकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने केंद्रीय औद्योगिक न्यायाधिकरण में रिक्त पद नियुक्ति न करने को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। इससे पहले कोर्ट ने डेट रिवकवरी अपीलेट ट्रिब्यूनल में भी रिक्त पद को न भरे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति वीजी बिष्ट की खंडपीठ ने कहा कि न्यायाधिकरण में पद के रिक्त होने से पक्षकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खंडपीठ ने यह बात कैनरा बैंक के हाउस किपिंग के तहत कार्यरत 131 चपरासियों से जुड़े मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। शुरुआत में इन 131 लोगों ने केंद्रीय औद्योगिक न्यायाधिकरण के सामने आवेदन दायर किया था चूंकि न्यायाधीकरण में पीठासीन अधिकारी का पद रिक्त है। इसलिए इनके आवेदन पर सुनवाई नहीं हो सकी। इसलिए अब यह मामला हाईकोर्ट पहूंचा है। इस बीच पांच चपरासियों की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। खंडपीठ ने कहा कि कानून पक्षकारों को अपनी परेशानी लेकर न्यायाधिकरण के पास जाने का विकल्प देता है लेकिन पीठासीन अधिकारी का पद रिक्त होने के चलते यह विकल्प फिलहाल निर्थक साबित होता नजर आ रहा है।
वहीं एडिशनल सालसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि चयन समिति की औद्योगिक न्यायाधिकरण में उपयुक्त पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरा होने में कम से कम जुलाई तक का समय लगेगा। इसके साथ ही खंडपीठ ने कहा कि जब तक औद्योगिक न्यायाधिकरण कार्यरत नहीं हो जाता है तब तक बैंक के अस्थायी चपरासियों को नौकरी से न निकाले जाए।
Created On :   9 May 2022 9:42 PM IST