- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- सप्लीमेंटरी कॉपी न देने वाले मुंबई...
सप्लीमेंटरी कॉपी न देने वाले मुंबई यूनिवर्सिटी के फैसले पर लगी रोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। परीक्षा के दौरान अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका (सप्लीमेंटरी कॉपी ) न देना विद्यार्थियों के हित में नहीं है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यह तल्ख टिप्पणी करते हुए मुंबई यूनिवर्सिटी के उस परिपत्र पर रोक लगा दी है जिसके तहत यूनिवर्सिटी ने छात्रों को अतिरिक्त उत्तरपुस्तिका न देने का निर्णय किया था। यूनिवर्सिटी के परिपत्र के खिलाफ मानसी भूषण नाम की छात्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में यूनिवर्सिटी के परिपत्र को मनमानीपूर्ण बताया गया है।
उत्तर पुस्तिका न देने के निर्णय पर रोक
न्यायमूर्ति भूषण गवई और न्यायमूर्ति बी पी कुलाबवाला की खंडपीठ ने उत्तर पुस्तिका न देने के निर्णय पर रोक लगाते हुए कहा कि हर छात्र की लिखावट(हैंडराइटिंग) अलग-अलग होती है। किसी को एक उत्तर पुस्तिका प्रश्न पत्र हल करने के लिए पर्याप्त होती है तो किसी के लिए वह काफी नहीं होती है। इस स्थिति में यदि छात्र को अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका नहीं उपलब्ध कराई गई तो यह विद्यर्थियों के हित को प्रभावित करेगा।
अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका गायब होने के खुलासे
खंडपीठ ने कहा कि हमारे पास कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें छात्रों ने यूनिवर्सिटी से अतिरिक्त उत्तरपुस्तिका गायब होने का खुलासा किया था। यूनिवर्सिटी ने इस समस्या से निजात पाने के लिए परीक्षा के दौरान छात्रों को अतिरिक्त उत्तरपुस्तिका न देने का निर्णय ले लिया, जो कि विद्यार्थियो के हित में नजर नहीं आता है।
अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका नहीं दी जाती
सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रुई राड्रिक्स ने कहा कि सिर्फ पुणे यूनिवर्सिटी को छोड़कर राज्य की किसी भी यूनिवर्सिटी में छात्रों को अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने शनिवार से शुरु होने वाली परीक्षा के लिए 6 लाख उत्तरपुस्तिक मंगा ली हैं। अब अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं।
विस्तार से लिखने होते हैं उत्तर
याचिकाकर्ता के वकील विशाल कनाडे ने कहा कि उनके मुवक्किल एल एल बी के विद्यार्थी हैं। एल एल बी की परीक्षा के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखने होते हैं। इसलिए उन्हें अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका की जरूरत पड़ेगी। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका न देने के यूनिवर्सिटी के निर्णय पर रोक लगा दी
Created On :   15 Dec 2017 6:21 PM IST