शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा सही : हाईकोर्ट

HC upheld  teachers eligibility examination for appointment
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा सही : हाईकोर्ट
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा सही : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा को सही ठहराया है। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास शैक्षणिक संस्थान के स्टाफ की योग्यता तय करने का अधिकार है। जहां तक प्रश्न शिक्षक पात्रता परीक्षा का है तो सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति में समरुपता लाने के उद्देश्य से यह परीक्षा अनिवार्य की है। सरकार के इससे संबंधित शासनादेश में कोई खामी नहीं है।

याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने सुनाया फैसला 

न्यायमूर्ति भूषण गवई और न्यायमूर्ति बीपी कुलाबावाला की खंडपीठ ने आजाद एज्युकेशन सोसायटी (मिरज) के अध्यक्ष के मार्फत दायर याचिका को खारिज करते हुए फैसला सुनाया है। याचिका में सरकार की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य किए जाने के निर्णय को संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को मिले अधिकारों का उल्लंघन बताया गया था। याचिका में दावा किया गया था कि सरकार का यह निर्णय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के प्रशासकीय कामकाज में दखल देने जैसा है। 

वैधता को चुनौती दी गई थी चुनौती

याचिका में मुख्य रुप से शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर सरकार की ओर से 23 अगस्त 2013 को जारी किए गए शासनादेश की वैधता को चुनौती दी गई थी। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने याचिका को आधारहीन बताया और याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सरकार का निर्णय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को उनके पसंद का स्टाफ नियुक्त करने में कोई निर्बंध नहीं लगाता है।

शिक्षक की नियुक्ति की योग्यता तय

सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा के जरिए सिर्फ शिक्षक की नियुक्ति की योग्यता तय की है। जिसका सरकार को अधिकार है। सरकार का यह निर्णय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान के कामकाज में किसी भी रुप में दखल नहीं देता है। सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति में समरुपता लाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा को अनिवार्य किया है। हमें सरकार के शासनादेश में कोई खामी नजर नहीं आती है। इस तरह से खंडपीठ ने याचिका को आधारहीन मानते हुए उसे खारिज कर दिया। 

Created On :   19 Dec 2017 6:40 PM IST

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