- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- हेल्थ इंश्योरेंस - क्लेम न देना...
हेल्थ इंश्योरेंस - क्लेम न देना पड़े इसके लिए हजार बहाने - कोरोना मरीज की सीटी स्कैन रिपोर्ट को भी नकारा जा रहा
बारीक जाँच को भी नहीं मानना दुर्भाग्यपूर्ण अपनी सुविधा के अनुसार क्लेम सेटल किया जा रहा, यहाँ से वहाँ भटक रहे उपभोक्ता
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना क्लेम का सेटलमेंट अब चिकित्सकीय रिपोर्ट को नजरअंदाज कर अपनी सुविधा के अनुसारकिया जा रहा है। उपभोक्ता जिन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी आपदा के वक्त के लिए लेकर रखी थी वे उल्टे अस्पताल में बड़ी पेमेंट देने के बाद आर्थिक संकट में फँसते नजर आ रहे हैं। उपभोक्ता यह भी शिकायत कर रहे हैं कि स्टार हेल्थ और इफको टोकियो जैसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियाँ अनेक प्रकरणों में जाँच रिपोर्ट, चिकित्सकीय प्रमाणों को नकार रही हैं। किसी अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान क्लीनिकल टेस्ट रिपोर्ट, चिकित्सकीय प्रमाण क्लेम का बड़ा आधार होता है पर उसी को न माना जाए तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। खासकर ऐसे मरीज जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव और सीटी स्कैन में छाती में संक्रमण ज्यादा तो ऐसे केसों में सीटी स्कैन की रिपोर्ट के आधार पर क्लेम देने से मनाकिया जा रहा है। कोरोना के ज्यादातर मामलों में यही होता हैकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट मौके पर निगेटिव आती है लेकिन सीटी स्कैन में वायरस का संक्रमण दिख रहा होता है पर ऐसी स्कैन की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। उपभोक्ताओं ने इसको लेकर भी कंपनियों के खिलाफ जिला प्रशासन को शिकायत की है।
कंपनी के मन की हो हर जाँच रिपोर्ट, जब मिलेगी सहमति
उपभोक्ताओं का कहना है कि मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट को भी न मानने का सीधा मतलब है िक कंपनियाँ अपनी सुविधा और मनमर्जी से क्लेम दे रही हैं। इस तरह की मनमानी पर आईआरडीएआई को अंकुश लगाना चाहिए। दस्तावेजों को किस आधार पर निरस्त माना जाए यह उपभोक्ता को विस्तार पूर्वक बताना चाहिए। यदि उपभोक्ता संतुष्ट नहीं है तो अन्य प्रमाण देकर फिर क्लेम लगा सकता है। जायज मंच पर अपनी बात उठा सकता है। अभी तो कंपनियों के द्वारा क्लेम को सीधे निरस्तकिया जा रहा है।
सीटी स्कैन क्यों जरूरी
कोरोना के लक्षण यदि किसी व्यक्ति में हैं, रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट, आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव है और व्यक्ति को बुखार में आराम नहीं लग रहा है तो सीटी स्कैन जाँच से पताकिया जा सकता है कि वायरस ने लंग्स को कितना संक्रमितकिया है। एक्सरे ऊपर के संक्रमण दर्शाता है तो सीटी स्कैन से फेफड़े का क्लियर पिक्चर देखा जा सकता है। आमतौर पर फेफड़े के पाँच लोबों में किस लोब में कितना इफेक्ट हुआ है सीटी स्कैन जाँच से पता चल जाता है। इस रिपोर्ट के आधार पर कोरोना मरीज का सटीक इलाज शुरू होता है। एक्सपर्ट के अनुसार आमतौर पर कोरोना के लक्षण मिलने पर छठवें दिन यह जाँच कराई जानी चाहिए।
Created On :   9 Jun 2021 5:37 PM IST