29 सितंबर को होगी अनिल देशमुख की याचिका पर सुनवाई, राज्य मानवाधिकार आयोग की हालत से कोर्ट आहत 

Hearing on Anil Deshmukhs petition will be held on September 29
29 सितंबर को होगी अनिल देशमुख की याचिका पर सुनवाई, राज्य मानवाधिकार आयोग की हालत से कोर्ट आहत 
हाईकोर्ट 29 सितंबर को होगी अनिल देशमुख की याचिका पर सुनवाई, राज्य मानवाधिकार आयोग की हालत से कोर्ट आहत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोपों का सामना कर रहे राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में 29 सितंबर 2021 को सुनवाई होगी। देशमुख ने याचिका में मुख्य रूप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी किए गए समन को चुनौती दी है। गुरुवार को देशमुख की याचिका न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम 29 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई करेंगे। ईडी यदि जरूरी समझे तो वह याचिका के जवाब में हलफनामा दायर कर सकती है। याचिका में देशमुख ने मुख्य रूप से ईडी की ओर से जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग की है। देशमुख ने याचिका में दावा किया है कि राजनीतिक विद्वेष के चलते उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई की जा रही है। ईडी ने देशमुख के खिलाफ हाजिर होने के लिए पांच समन जारी किए हैं। लेकिन वे एकबार भी ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए हैं। पर देशमुख ने ईडी के सामने ऑनलाइन हाजिर होने की इच्छा जाहिर की है। सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने  खंडपीठ से इस मामले की सुनवाई ऑनलाइन करने का आग्रह किया। ताकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ईडी की ओर से पक्ष रख सके। जबकि देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने खंडपीठ से आग्रह किया कि वे अंतरिम राहत के मुद्दे पर गुरुवार को ही सुनवाई करे। ताकि मेरे मुवक्किल को ईडी की कड़ी कार्रवाई से राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि ईडी इस मामले में ओछी रणनीति के तहत काम कर रही है। इस मामले में ईडी के रुख़ को उचित नहीं माना जा सकता है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम 29 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई करेंगे। ईडी यदि जरूरी समझे तो अपना जवाब दे सकती है। गौरतलब है कि सीबीआई ने पहले भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद 21 अप्रैल 2021 को देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने देशमुख व उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की है। 

permission to de-silt: NMMC to move HC seeking permission to de-silt, clear  mangroves in holding ponds | Navi Mumbai News - Times of India

राज्य मानवाधिकार आयोग की हालत से हाईकोर्ट आहत 

वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग का मृत व निष्क्रिय संस्था के रुप में नजर आना निराश व आहत करता है। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कहते हुए आयोग में चेयरमैन व सदस्यों के रिक्त पदों के न भरने के लिए राज्य सरकार को कड़ी फटकार  भी लगाई है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि राज्य सरकार ने 12 जुलाई 2021 को आश्वासन दिया था कि 12 सितंबर 2021 तक आयोग के चेयरमैन व सदस्यों के रिक्त पदों को भर दिया जाएगा। लेकिन अब तक पदों को नहीं भरा गया है। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश गोसावी ने इस बारे में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में सरकार को आयोग के रिक्त पदों को भरने का निर्देश देने का आग्रह किया है। इसके साथ ही याचिका में आयोग को कामकाज के लिए बड़ी जगह उपलब्ध कराने व जरूरी संसाधन मुहैया कराने का भी निवेदन किया गया है। याचिका के मुताबिक आयोग के स्टाफ के  लिए 51 पद मंजूर किए गए हैं लेकिन इसमें से 26 पद ही भरे गए हैं। अतिरिक्त सरकारी वकील गीता शास्त्री ने याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने कहा कि सरकार को इस मामले में एक आखरी मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति के बारे में निर्णय ले लिया जाएगा।  याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि आखिर आयोग को कामकाज के लिए जगह क्यों नहीं दी गई है। आयोग का निष्क्रिय होना निराश करता है। खंडपीठ ने फिलहाल याचिका पर सुनवाई 25 अक्टूबर तक स्थगित कर दी है और सरकार को रिक्त पदों को भरने को कहा है।

राणा कपूर की फैमिली की वजह से डूबा YES बैंक, अपनों को लोन बना बर्बादी की  वजह - yes bank rana kapoor roshni kapoor bindu kapoor rana family bank  financial crisis - AajTak

राणा कपूर की पत्नि के जमानत पर फैसला सुरक्षित

बॉम्बे हाईकोर्ट ने वित्तीय कंपनी  दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल)  के कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरोपी यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी बिंदु व बेटी राधा के जमानत आवेदन पर फैसला सुरक्षित कर लिया है। इससे पहले मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत ने कपूर की पत्नी व बेटी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। जिसके खिलाफ दोनों ने हाई कोर्ट में अपील की है। गुरुवार को न्यायमूर्ति भारती डागरे ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया और 28 सितंबर 2021 को अपना फैसला सुनाने की बात कहीं। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता हितेन वेणेगांवकर ने बिंदु व राधा कपूर की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई कोर्ट उन्हें जमानत देने से मना किया है। 

Created On :   23 Sept 2021 8:12 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story