अर्णब की जमानत अर्जी पर पूरी नहीं हो पाई सुनवाई, जारी रहेगी बहस

Hearing on Arnabs bail application could not be completed, debate will continue
अर्णब की जमानत अर्जी पर पूरी नहीं हो पाई सुनवाई, जारी रहेगी बहस
अर्णब की जमानत अर्जी पर पूरी नहीं हो पाई सुनवाई, जारी रहेगी बहस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी को शुक्रवार को भी बांबे हाईकोर्ट से तत्काल राहत नहीं मिली पाई। क्योंकि कोर्ट में उनके अंतरिम जमानत आवेदन पर सुनवाई अधूरी रह गई। इसे देखते हुए न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई शनिवार को रखी है। क्योंकि समय की कमी के चलते शुक्रवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। लिहाजा 7 नवंबर को भी गोस्वामी के जमानत आवेदन पर सुनवाई जारी रहेगी।

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि आमतौर पर जमानत के लिए पहले मैजिस्ट्रेट कोर्ट फिर सत्र न्यायालय में आवेदन दायर किया जाता है। यदि यहां से जमानत नहीं मिलती तो हाईकोर्ट में जमानत आवेदन दायर किया जाता है। इस पर गोस्वामी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 439 हाईकोर्ट कोर्ट को जमानत आवेदन पर सुनवाई का विशेष अधिकार देती है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल की स्वतंत्रता दांव पर है। राज्य सरकार मेरे मुवक्किल को परेशान करना चाहती है क्योंकि उन्होंने अपने चैनल में राज्य सरकार से सवाल पूछे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस जानती थी कि कुछ दिनों में दिवाली आनेवाली है। इसलिए मेरे मुवक्किल को गिरफ्तार किया गया। राज्य सरकार मेरे मुवक्किल को सबक सिखाना चाहती है। मेरे मुवक्किल के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई है।

इस बीच गोस्वामी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने खंडपीठ को बताया कि न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद गोस्वामी ने बुधवार को रात में ही जमानत के लिए आवेदन किया था। लेकिन मैजिस्ट्रेट ने सुनवाई को लेकर असमर्थता जाहिर की थी। क्योंकि यह मामला सत्र न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसे देखते हुए निचली अदालत में जमानत आवेदन वापस ले लिया गया था। मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने मेरे मुवक्किल को पुलिस हिरासत में भेजने से इंकार कर दिया है। अलीबाग मैजिट्रेट ने इस प्रकरण में मेरे मुवक्किल की गिरफ्तारी को प्रथम दृष्टया अवैध माना है। क्योंकि पुलिस ने मैजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना ही इस मामले की जांच नए सिरे से शुरु की है। पुलिस ने पहले इस मामले में ए समरी रिपोर्ट कोर्ट में दायर की थी।

गोस्वामी को पुलिस ने साल 2018 के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक से जुड़े इस मामले में बुधवार यानी 5 नवंबर 2020 को उनके लोअर परेल स्थित घर से गिरफ्तार किया था। फिलहाल गोस्वामी को 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। गोस्वामी को अलीबाग की एक स्कूल बनाए गए अस्थाई जेल में रखा गया है। 

    

Created On :   6 Nov 2020 8:18 PM IST

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