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नई रेत नीति पर सुनवाई टली - आधा दर्जन याचिकाओं पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 10 दिसंबर को
डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्रदेश शासन की नई रेत नीति को चुनौती देने वाली आधा दर्जन याचिकाओं पर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई टल गई है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल व जस्टिस व्हीपीएस चौहान की युगलपीठ ने बुधवार को सभी याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई के बाद अगली सुनवाई 10 दिसंबर को निर्धारित की है। साथ ही याचिकाकर्ताओं को रिज्वाइंडर पेश करने की अनुमति भी प्रदान की है।
ये याचिकाएं ग्राम पंचायत भरूही जनपद पंचायत सिवाल (सीधी), नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच व अन्य की ओर से दायर की गई हैं। इन सभी याचिकाओं में प्रदेश सरकार की नई रेत नीति को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि नई रेत नीति में नर्मदा नदी से रेत निकालने के लिए सिर्फ हस्त उपकरणों के उपयोग की अनुमति दी गयी है। वहीं दूसरी नदियों से रेत निकालने के लिए अन्य माध्यम से संचालित उपकरणों के उपयोग की अनुमति दी गयी है। इस प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा नदियों में भेदभाव किया गया है। इतना ही नहीं, नई नीति में इंदौर, जबलपुर, भोपाल तथा ग्वालियर को रेत भंडारण की अधिकतम सीमा से मुक्त रखा गया, जबकि अन्य जिलों के लिए अधिकतम सीमा 50 किलोमीटर बाध्य रहेगी। इन आधारों पर नई नीति को निरस्त किए जाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता संजय के अग्रवाल व दिनेश उपाध्याय पैरवी कर रहे हैं।
Created On :   28 Nov 2019 1:22 PM IST