रेलवे पटरी पर चल रहा लकड़ा बाजार, फैलता जा रहा अतिक्रमण

Heavy encroachment on the empty land property of the railway
रेलवे पटरी पर चल रहा लकड़ा बाजार, फैलता जा रहा अतिक्रमण
रेलवे पटरी पर चल रहा लकड़ा बाजार, फैलता जा रहा अतिक्रमण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। खाली सरकारी जमीन पर अतिक्रमण नई बात नहीं है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर आलीशान बिल्डिंग बन जाती है और इसके हटाने खुद प्रशासन नाकाम हो जाता है। ऐसे ही शहर के अनेक हिस्सों में रेलवे विभाग की करोड़ों की जमीन अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुकी है। इन अतिक्रमणकारियों के कब्जे से अपनी जमीन छुड़ाने को लेकर भी उदासीनता बरती जा रही है। पुराना भंडारा रोड, माल धक्का चौक से सटी रेलवे लाइन की पटरियों को भी अतिक्रमणकारियों ने नहीं बख्शा है। तकरीबन 100-300 फीट लंबी पटरी लकड़ी के कुंदों से पाट दी गई है। अनेक फर्नीचर दुकानदारों और कारखाना संचालकों ने रेलवे विभाग की करोड़ों की जमीन पर पिछले 30 वर्षों से कब्जा कर रखा है। कुछ वर्ष पूर्व इन अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था। लेकिन किसी अतिक्रमणकारी ने जगह खाली नहीं की। अब यह अतिक्रमण दिन-दूना रात चाैगुना की तर्ज पर फैलता ही जा रहा है।

धीरे-धीरे कर लिया कब्जा
तकरीबन 20 साल पहले माल धक्का चौक के पास रेलवे की जमीन पर एक झोपड़ा था। मैंने 20 हजार रुपए में यह झोपड़ा खरीद लिया। इस झोपड़े के आसपास खाली जमीन थी। झोपड़ा खरीदने के बाद मैंने आसपास की जमीन पर भी कब्जा किया तथा पक्की इमारत तैयार की। यहां मैंने ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू किया। मेरा बिजनेस अब भी संचालित है। तकरीबन 2 साल पहले रेलवे पुलिस द्वारा हमें जमीन से अतिक्रमण हटाने की हिदायत दी गई थी। यहां तकरीबन 100 व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। कुछ लकड़ी के कारखाने हैं, जहां फर्नीचर तैयार किए जाते हैं। कुछ आरा मशीनें हैं। बड़े पैमाने पर लकड़ी की कटाई होती है। अनेक दुकानदारों ने लकड़ी का बड़ा स्टॉक रखा है। यह स्टॉक रेलवे ट्रैक व आसपास की खुली जगह पर रखा देखा जा सकता है। बरसों से इस इलाके में कारखाने व व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। कुछ लोगों ने अपनी जगह किराये से दे रखी है जबकि कुछ बरसों से यहां कारोबार कर रहे हैं। हमें दुकान हटाने के लिए कहेंगे तो हटा देंगे, जब तक चलती है चला रहे हैं। यह कहना है मालधक्का चौक, लकड़गंज में संचालित एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी का। इसी तरह कई कारोबारियों ने रेलवे की जमीन पर कब्जा कर रखा है लेकिन रेलवे इनसे अपनी जमीन वापस नहीं ले पा रहा है। इससे रेलवे और मनपा तथा नागपुर सुधार प्रन्यास को भी नुकसान हो रहा है। आय न होने के कारण इस इलाके के विकास कार्य भी ठप हैं।

टीन के शेड और पक्की इमारतें भी बन गई
माल धक्का चौक के पास ही दानागंज था। इसके अलावा इस इलाके में लोहा ओली, सीमेंट के कारोबारी, नारियल का बड़ा बाजार व अनाज का थोक बाजार हुआ करता था। 1980 के दशक में यहां देश के कई हिस्सों से लोहा, सीमेंट, अनाज, नारियल व अन्य सामग्री की खेप ट्रेन द्वारा पहुंचती थी। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, टाटा स्टील, भिलाई स्टील प्लांट आदि से यहां भारी मात्रा में माल आता था। बुटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र, कलमना मंडी व कुछ बड़े बाजार बनने के बाद माल धक्का पर माल आना बंद हो गया। रेलवे लाइन को भी बंद कर दिया गया। इसके बाद रेलवे विभाग की इस जमीन पर अतिक्रमण ने पैर पसारने शुरू कर दिए। प्रारंभ में यहां कुछ फर्नीचर कारखाने शुरू हुए। गुरुद्वारा बना और कुछ अन्य व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों ने आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण रेलवे की जमीन पर अपनी दुकानें शुरू कर दीं। व्यापार के विस्तार के साथ-साथ जगह की आवश्यकता भी महसूस होने लगी और 100-150 वर्ग फीट की दुकानें ने 2000-3000 फीट तक पहुंच गईं। पिछले 30 वर्षों में यहां अनेक दुकानदार टीन के शेड में कारखाने संचालित कर रहे हैं। कुछ ने पक्की इमारतें तैयार कर लीं हैं। कुछ दुकानदार ऐसे भी हैं जिन्होंने कब्जा की हुई जगह बड़े दुकानदारों व कारखाना संचालकों को किराये पर दे दी हैं। इससे उन्हें प्रतिमाह 40 हजार से 1 लाख रुपए तक का किराया मिल रहा है। 

अतिक्रमण हटाने के लिए  कदम उठाएंगे
नागपुर, इतवारी रेलवे स्टेशन से सटे माल धक्का चौक के आसपास की रेलवे की जमीन पर पिछले कई वर्षों से अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर रखा है। ट्रेनों का आना-जाना बंद होने के कारण यहां ट्रेन की पटरियों के आसपास की जगह अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चली गई है। कुछ जगह दुकानदारों को किराये से भी दी गई है। अतिक्रमणकारियों से रेलवे की जमीन को मुक्त कराने के लिए जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
- राजेश यादव, रेलवे प्रबंधक, इतवारी रेलवे स्टेशन

Created On :   6 May 2019 8:54 AM GMT

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