- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सतना
- /
- पुलिस से छिपा कर बिरला कार्पोरेशन...
पुलिस से छिपा कर बिरला कार्पोरेशन के 3 अफसरों ने आनन फानन में क्रशर प्लांट से हटवाई थी, श्रमिक की सिर कटी लाश!

* सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर से सामने आएगा पूरा सच
डिजिटल डेस्क सतना। कोलगवां थाना इलाके के सगमनिया माइंस के क्रशर प्लांट में 31 मई की सुबह कनवेयर बेल्ट में फंसने से ठेका श्रमिक रामनरेश पाल की हृदय विदारक मौत के मामले बीसीएल (बिरला कार्पोरेशन लिमिटेड) के 3 अधिकारियों की भूमिका जांच के दायरे में आ गई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोप है कि घटना के फौरन बाद मौके पर पहुंचे बीसीएल के असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट (टेक्निकल) और माइंस हेड अक्षय कुमार, माइंस मैनेजर तपन बोस और क्रशर इंचार्ज गजेन्द्र सिंह ने अपने दो खास चहेते स्थाई श्रमिकों जय सिंह और चिनप्पा की मदद से आनन फानन में श्रमिक की सिर कटी लाश एम्बुलेंस से अस्पताल भेज दी थी। मृतक के परिजनों का आरोप है कि जब लाश ले जा रही एम्बुलेंस का मृतक श्रमिक के भतीजे पुष्पेन्द्र पाल ने बाइक से पीछा किया तो स्कार्पियो नंबर 19 सीए 3448 से पीछे से आए
बीसीएल के सुरक्षाकर्मियों ने ठोकर मार कर गिरा दिया।
आखिर,ऐसी भी क्या जल्दी थी:------
श्रमिक के शव को घटना स्थल से हटाने के मामले में बीसीएल के अफसर इतनी जल्दबाजी में थे कि इन्होंने घटना के संबंध में संबंधित थाने की पुलिस को इत्तला देने की जरुरत तक नहीं समझी थी। आखिर क्यों? क्या था इरादा? ये दो ऐसे बड़े सवाल हैं,जो पुलिस की जांच के दायरे में आ गए हैं। पुलिस के सामने एक बड़ा सवाल यह भी है कि धड़ से अलग सिर जैसे जिस शव में जीवन की कोई संभावना ही नहीं थी,उसे आखिर एम्बुलेंस से अपने ही गु्रप के अस्पताल में ले जाने की जरुरत क्या थी? उल्लेखनीय है, ऐसी घटनाओं में पोस्टमार्टम के लिए सिर्फ सरकारी अस्पताल ही अधिकृत हैं।
एसपी ने टीआई को सौंपी जांच:---
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि मृतक के परिजनों से प्राप्त शिकायतों की जांच की जिम्मेदारी कोलगवां टीआई देवेन्द्र प्रताप सिंह को सौंपी गई है। टीआई ने भी माना कि हादसे के कारणों की जांच के लिए सगमनिया माइंस में लगे सीसीटीवी कैमरों के डीवीसीआर चेक किए जाएंगे।
संवेदनहीनता की हद : शव रख कर प्रदर्शन करने पर मिली आर्थिक मदद :---
परिजनों के मुताबिक बीसीएल प्रबंधन ने मंगलवार को संवेदनहीनता की हद तो तब कर दी जब पोस्टमार्टम के बाद आर्थिक मदद के लिए परिजन सगमनिया के माइंस गेट पर शव रख कर प्रदर्शन के लिए मजबूर हो गए। घटना की खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे कांग्रेस के विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा और कोलगवां टीआई देवेन्द्र प्रताप सिंह के दबाव बनाने के बाद अंतत: बीसीएल प्रबंधन का पत्थर दिल पसीजा।
बीच में ही धोखा दे गई एम्बुलेंस
परिजनों ने बताया कि जिला अस्पताल की मरचुरी में ठेका श्रमिक रामनरेश पाल के पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव बठिया कला ले जाने के लिए बीसीएल प्रबंधन ने जिस एम्बुलेंस नंबर एमपी 19 जीए 1873 को भेजा था,वह भी शव लेकर गांव जाने से पहले ही समेरिया चौराहे में बिगड़ गई। परिजनों को दूसरी एम्बुलेंस की व्यवस्था करके लाश ले जानी पड़ी।
इनका कहना है
परिजनों के एक-एक आरोप की जांच कराई जाएगी। आरोपों की जांच की जिम्मेदारी कोगलवां के थाना प्रभारी को सौंपी गई है।
धर्मवीर सिंह, एसपी
और, उधर बिरला कार्पोरेशन की ज्यादतियों के खिलाफ आरंभ की यूथ ब्र्रिगेड ने भी खोला मोर्चा
इसी बीच मंगलवार को यहां बिरला कार्पोरेशन लिमिटेड पर श्रमिक विरोधी नीतियां
अपनाने के आरोप लगाते हुए समाजसेवी संस्था आरंभ की यूथ ब्रिगेड ने भी मोर्चा खोल दिया। आरंभ के युवा कार्यकर्ताओं ने अंकित रॉकी शर्मा, शिवेंद्र चतुर्वेदी ,रावेद्र सिंह परिहार और राहुल दाहिया के नेतृत्व में सर्किट हाउस चौक में प्रबंधन का पुतला फंूक कर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने दो टूक चेतावनी दी कि ऐसी ज्यादती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। युवाओं ने आरोप लगाए कि बीसीएल की सीमेंट फैक्ट्री और उसके माइंस प्लांट में गरीब श्रमिकों से जोखिम भरे काम तो लिए जाते हैं लेकिन उनकी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं हैं। उनका आर्थिक और मानसिक शोषण किया जाता है।
Created On :   2 Jun 2021 4:03 PM IST