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हाईकोर्ट: 10 दिन में दो माता-पिता को भरण-पोषण की राशि
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने माता-पिता को भरण-पोषण की राशि नहीं दिए जाने पर सख्ती दिखाई है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने बेटा-बहू को आदेश दिया है कि माता-पिता की लगभग 6 साल की भरण-पोषण की राशि 10 दिन के भीतर जमा करने के साथ ही मकान को खाली करें। एकलपीठ ने एसडीओ को आदेश दिया है कि आदेश का पालन नहीं होने पर बेटा-बहू को गिरफ्तार कर 14 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए।
यह है मामला-
इंदिरा नगर सुहागी जबलपुर निवासी बुजुर्ग ओमकार प्रसाद रैकवार और रामबाई को उनके पुत्र संतोष रैकवार और बहू रजनी रैकवार ने उनके ही घर से निकाल दिया था। बुजुर्ग दंपति ने एसडीओ के समक्ष प्रकरण दायर किया। एसडीओ ने 15 अप्रैल 2015 को बेटा-बहू को मकान खाली करने और माता-पिता को प्रतिमाह 2 हजार रुपए भरण-पोषण की राशि देने का आदेश दिया। एसडीओ के आदेश को कलेक्टर के समक्ष चुनौती दी गई, कलेक्टर ने भी आदेश को बरकरार रखा। कलेक्टर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
हाईकोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया-
अधिवक्ता सृष्टि कश्यप ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने 4 फरवरी 2019 को आदेश दिया था कि बेटा-बहू 55 हजार रुपए भरण-पोषण की राशि जमा करें, लेकिन अभी तक आदेश का पालन नहीं किया गया। बुजुर्ग दंपति को 6 साल से अधिक समय से भरण-पोषण की राशि नहीं मिल रही है। इससे बुजुर्ग दंपति दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने बेटा-बहू को 10 दिन के भीतर भरण-पोषण की अब तक की पूरी राशि जमा करने का आदेश दिया है। आदेश का पालन नहीं होने पर बेटा-बहू को गिरफ्तार कर 14 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए कहा गया है।
Created On :   4 Sept 2021 10:14 PM IST