हाईकोर्ट ने दी ट्राई के पुराने टैरिफ को मंजूरी, अदालत ने एक शर्त की रद्द 

High court approved old tariff of TRAI, court canceled one condition
हाईकोर्ट ने दी ट्राई के पुराने टैरिफ को मंजूरी, अदालत ने एक शर्त की रद्द 
हाईकोर्ट ने दी ट्राई के पुराने टैरिफ को मंजूरी, अदालत ने एक शर्त की रद्द 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से चैनलों की दर को लेकर जनवरी 2020 में जारी आदेश ( टैरिफ आर्डर) की संवैधानिक वैधता को कायम रखा है। लेकिन इस आदेश की एक शर्त को रद्द कर दिया है, जिसके तहत तय किया गया था कि एक चैनल देखने की दर बुके (चैनलों का समूह) के एक तिहाई दर से अधिक नहीं होना चाहिए। ट्राई ने पिछले साल इस बारे में टैरिफ आर्डर जारी किया था। इसके साथ ही हर चैनल की कीमत निर्धारित करना भी तय किया गया है। ट्राई के आदेश को चुनौती देते हुए इंडियन ब्राडकास्टिंग फाउंडेशन सहित अन्य ब्राडकास्टरों के समूह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में ट्राई की ओर से जारी टैरिफ आदेश को मनमानीपूर्ण, असंवैधनिक व मौलिक अधिकारों का हनन बताया गया था। किंतु याचिका पर सुनवाई के बाद सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति एए सैयद व न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने ट्राई की ओर से जारी आदेश की वैधता को बरकरार रखा है। ट्राई की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने ट्राई के आदेश को उपभोक्ताओं के हित में बताया। उन्होंने कहा कि चैनल की दर तय करने में पारदर्शिता लाई जा सके, इसलिए ट्राई ने आदेश जारी कर चैनल की दर का स्वरुप तय किया है। 

खंडपीठ ने कहा कि ट्राई की ओर से साल 2020 में जारी किए गए आदेश की एक शर्त को छोड़कर हमे उसमे खामी नजर नहीं आ रही है। इसलिए इसकी वैधता को बरकरार रखा जाता है। इस तरह से खंडपीठ ने इस मामले से संबंधित सभी याचिकाओं समाप्त कर दिया। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के शुरुआत में ट्राई को ब्राडकास्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न करने का अंतरिम आदेश जारी किया था। जिसे याचिकाकर्ताओं ने बढाने का आग्रह किया। इसके तहत खंडपीठ ने अंतरिम आदेश तो 6 सप्ताह तक बढा दिया। ताकि इस फैसले को पढकर याचिकाकर्ता आगे की रणनीति तय कर सके। 
 

Created On :   30 Jun 2021 8:29 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story