राज्य में पारिवारिक अदालतों की संख्या बढ़ाने हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

High court asked the government to increase the number of family courts in the state
राज्य में पारिवारिक अदालतों की संख्या बढ़ाने हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
सिफारिश पर अभी तक अमल नहीं   राज्य में पारिवारिक अदालतों की संख्या बढ़ाने हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के हर जिले में पारिवारिक अदालत की संख्या बढाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील मिनाज ककालिया ने कहा कि हाईकोर्ट की ओर से काफी पहले पारिवारिक अदालतों की संख्या बढाने को लेकर राज्य सरकार को सिफारिशे भेजी थी। यह सिफारिशे किस पडाव पर है। इस दिशा में क्या कदम उठाए गए हैं। इसको लेकर अब तक राज्य सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस मुद्दे पर हलफनामा दायर करने को कहा। इससे पहले खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट की संख्या बढाने के साथ ही न्यायिक अधिकारियों की भी जरुरत पड़ेगी। यह रातोरात नहीं होगा। इस मुद्दे को लेकर कारोबारी तुषार गुप्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।याचिका के मुताबिक फैमली कोर्ट एक्ट (एफसीए) 1984 में पारित किया गया था। ताकि पारिवारिक व वैवाहिक विवादो का निपटारा शीघ्रता से किया जा सके। इस कानून के बाद विवाह से जुड़े विवाद पारिवारिक अदालतों को स्थानांतरित कर दिए गए थे। एफसीए की धारा 3 के प्रावधान के तहत राज्य सरकार हाईकोर्ट से परामर्श लेकर ऐसे शहर व इलाके में पारिवारिक अदालत स्थापित कर सकती है जहां की आबादी दस लाख से अधिक है। 

Created On :   5 Dec 2022 9:32 PM IST

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