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हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा - अस्पतालों की लूट रोकने क्या है योजना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि क्या उसने ऐसी कोई व्यवस्था बनाई है जिससे कोरोना महामारी के बीच यह सुनिश्चित हो सके कि अस्पताल मरीजों को लूट न सके। हाईकोर्ट ने इस बारे में राज्य सरकार व दो अस्पतालों को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने यह निर्देश अभिजीत मगड़े की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल व नर्सिंग होम मरीजों से पीपीई किट, ग्लोव्स, मास्क व दूसरी वस्तुओं के लिए मनमाना रकम वसूल रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की मां ठाणे की जुपिटर अस्पताल में एक बीमारी के इलाज के लिए भर्ती थी। जहां उन्हें सिर्फ पीपीई किट का 72 हजार 806 रुपए बिल दिया गया है, जबकि एक अन्य मरीज से दूसरे अस्पताल में तीन दिन में किट के लिए 16 हजार रुपए का बिल दिया गया है।
दो अस्पतालों को हलफनामा दायर करने का निर्देश
इस दौरान सहायक सरकारी वकील निशा मेहरा ने कहा कि सरकार ने 21 मई 2020 को शासनादेश जारी कर अस्पताल के बेड शुल्क व दूसरी चीजों की कीमत तय की है। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि क्या सरकार ने ऐसी कोई व्यवस्था बनाई है, जिससे यह आश्वस्त हो सके कि अस्पताल मरीज को न लूट सकें। खंडपीठ ने सरकार व दो अस्पतालों को इस बारे में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है और मामले की सुनवाई 7 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   28 July 2020 6:29 PM IST