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HC ने सरकार से पूछा- कौन देखता है सड़कों के गड्ढे भरने का काम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा है कि बारिश के दौरान ठेकेदार सड़कों के गड्ढे भर रहा है कि नहीं इसे कौन देखता है? ठेकेदार किस तरह से गड्ढों को भर रहा है उसके काम के प्रदर्शन का मूल्यांकन किसके जिम्मे है? हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 31 जुलाई तक इस मुद्दे पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट में मुंबई-गोवा के 121 किलोमीटर लंबे महामार्ग पर गड्ढे होने की शिकायत को लेकर पेशे से वकील ओवेसी पेचकर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। इससे पहले सहायक सरकारी वकील निधि मेहरा ने जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच के सामने कहा कि 121 किमी के मुंबई गोवा-माहमार्ग के सिर्फ 7.5 किलोमीटर के रास्तों पर थोड़े गड्ढे हैं। और इनमें से पांच किमी के गड्ढे को भरने का काम लगभग पूरा हो गया है। सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (पीडब्लूडी) यह काम कर रहा है। इससे वाहनों चालकों को कोई दिक्कत नहीं है। गणेशोत्सव तक महामार्ग के गड्ढा प्रभावित क्षेत्र का काम पूरा कर लिया जाएगा।
इस पर बेंच ने कहा कि सरकार किस आधार पर तय करती है कि सड़क पर कम या ज्यादा गड्ढे हैं? कोर्ट ने पूछा कि इसके लिए सरकार ने क्या मानक तय किए हैं? इसकी जानकारी हमे दी जाए। बेंच ने कहा कि मुंबई-गोवा महामार्ग के गड्ढे भरने के लिए कौन जिम्मेदार है? गड्ढो के भरने का काम किसकी निगरानी में हो रहा है और गड्ढे किस तकनीक से भरे जा रहे है? रही बात गणेशोत्सव तक काम पूरे करने की तो लोगों को सिर्फ गणेशोत्सव में ही अच्छी सड़कों की जरुरत नहीं पड़ती। हर समय लोग अच्छी सड़क चाहते हैं। सरकार अदालत के उस आदेश को न भूले जिममे साफ किया गया है कि खराब सड़क के चलते यदि कोई दुर्घटना का शिकार होता है तो वह सरकार से मुआवजा मांग सकता है।
वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि वे अक्सर अपने गृहग्राम जाने के लिए मुंबई-गोवा महामार्ग का इस्तेमाल करते हैं। वहां पर गड्ढे भरने का काम नहीं हो रहा है। रास्ते की हालत खराब है। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने मामले की सुनवाई 31 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   23 July 2018 8:09 PM IST