हाईकोर्ट ने पूछा- 15 साल में क्यों नहीं हुआ आवारा जानवरों को सड़कों से हटाने के आदेश का पालन

High Court asked why in 15 years the order to remove stray animals from the roads was not followed
हाईकोर्ट ने पूछा- 15 साल में क्यों नहीं हुआ आवारा जानवरों को सड़कों से हटाने के आदेश का पालन
मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को की गई नियत हाईकोर्ट ने पूछा- 15 साल में क्यों नहीं हुआ आवारा जानवरों को सड़कों से हटाने के आदेश का पालन


डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने आवारा जानवरों को सड़कों से हटाने के मामले में 15 साल बाद भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर सख्ती दिखाई है। चीफ जस्टिस आरवी मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि 15 साल बाद भी पालन क्यों नहीं किया गया। डिवीजन बैंच ने चेतावनी दी है कि यदि चार सप्ताह में आदेश का पालन नहीं हुआ तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को नियत की गई है।
यह है मामला-
यह अवमानना याचिका अधिवक्ता सतीश वर्मा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में आदेश दिया था कि आवारा जानवरों को सड़कों से हटाया जाए, इसके साथ ही आवारा कुत्तों की नसबंदी भी की जाए। आदेश का पालन करने के लिए तीन माह की समय-सीमा तय की गई थी। 15 साल बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया है।
आवारा जानवरों के हमलों से हो रही नागरिकों की मौत-
गुरुवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता श्री वर्मा ने कहा कि प्रदेश भर में आवारा जानवरों के हमलों से नागरिकों की मौत हो रही है। आवारा जानवरों की वजह से आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं में भी लोगों की जान जा रही है। महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने डिवीजन बैंच से आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए समय दिए जाने का आग्रह किया। डिवीजन बैंच ने चेतावनी दी है कि यदि चार सप्ताह में आदेश का पालन नहीं हुआ तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

 

Created On :   21 Oct 2021 10:09 PM IST

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