हाईकोर्ट ने पूछा- प्रदेश में गरीबों के आश्रय के लिए क्यों नहीं हैं पुअर हाउस

High court asked- Why there are no poor houses in the state for shelter of the poor
हाईकोर्ट ने पूछा- प्रदेश में गरीबों के आश्रय के लिए क्यों नहीं हैं पुअर हाउस
हाईकोर्ट ने पूछा- प्रदेश में गरीबों के आश्रय के लिए क्यों नहीं हैं पुअर हाउस

डिजिटल डेस्क जबलपुर । इंदौर में असहाय बुजुर्गों को कचरा गाड़ी  में भरकर शहर से बाहर फेंकने के आधार पर मप्र हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव व कमिश्नर,  सामाजिक न्याय विभाग के सचिव और जबलपुर नगर निगम के आयुक्त को नोटिस जारी कर पूछा है कि प्रदेश में गरीबों के आश्रय के लिए पुअर हाउस क्यों नहीं है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने अनावेदकों को 25 फरवरी तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। 
प्रदेश के किसी भी जिले में नहीं बनाए गए हैं 
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और डॉ. एमए खान की ओर से यह जनहित याचिका 29 जनवरी को इंदौर में कचरा गाड़ी में भरकर बुजुर्गों को शहर के बाहर फेंकने के आधार पर दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि नगर पालिका अधिनियम की धारा 427 उप धारा (44) में प्रावधान है कि जिन बेसहारा लोगों के पास आश्रय नहीं है, उनके लिए नगर निगम द्वारा पुअर हाउस बनाए जाएँगे। अधिनियम में प्रावधान होने के बाद भी प्रदेश के किसी भी जिले में पुअर हाउस नहीं बनाए गए हैं। इसकी वजह से इंदौर में कचरा गाड़ी में भरकर बुजुर्गों को शहर के बाहर फेंक दिया गया। 
पुअर हाउस बनाने के निर्देश जारी किए जाएँ - अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर सहित किसी भी जिले में पुअर हाउस नहीं है।  नगर निगमों की ओर से रैन बसेरा तो बनाए गए हैं, लेकिन रैन बसेरा में पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। ज्यादातर गरीब और बेसहारा लोगों को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सार्वजनिक स्थानों पर रात गुजारनी पड़ रही है। सर्दी में ठंड लगने और गर्मी में लू लगने से कई लोगों की मौत हो जाती है, इसलिए नगर निगमों को निर्देश दिए जाएँ कि पुअर हाउस बनाए जाएँ। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने अनावेदकों से जवाब तलब किया है। 

Created On :   13 Feb 2021 3:44 PM IST

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