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हाईकोर्ट : मांगी वरवरा राव की स्वास्थ्य रिपोर्ट, वकील का दावा - इलाज नहीं हुआ तो हो जाएगी मौत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले में जेल प्रशासन से आरोपी वरवरा राव के स्वास्थ्य से जुड़ी रिपोर्ट 16 नवंबर 2020 तक मंगाई है। इससे पहले हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन व राष्ट्रीय जांच एजेंसी को नानावटी अस्पताल के डॉक्टरो के पैनल को शुक्रवार तक राव को देखने व उनके स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने को कहा है। अदालत ने जेल प्रशासन व राष्ट्रीय जांच एजेंसी को निर्देश दिया था कि वे राव को डॉक्टरों द्वारा ऑनलाइन (वीडियों कॉलिंग) देखने की अनुमति दें। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि डॉक्टरों को राव को ऑनलाइन देखने में परेशानी हो रही हो तो वे अपनी सुविधानुसार तलोजा जेल में शीघ्रता से जाकर उनका परीक्षण करे। कोर्ट ने राव के स्वास्थ्य परीक्षण से जुड़ी रिपोर्ट 16 नवंबर 2020 तक पेश करने को कहा है। न्यायमूर्ति ए के मेनन की पीठ ने यह निर्देश राव की पत्नी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में दावा किया गया है कि राव का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। साल 2018 से उन्हें उपयुक्त मेडिकल उपचार नहीं दिया जा रहा है। जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत राव की पत्नी ने यह याचिका दायर की है। राव की ओर से पैरवी कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि मेरे मुवक्किल को उपचार के लिए नानावटी अस्पताल में भेजा जाए। वे कई बीमारियों से पीड़ित हैं। यदि उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया तो उनका जीवन जेल में ही खत्म हो जाएगा। जो हिरासत में मौत जैसा मामला होगा। जेल प्रशासन व राष्ट्रीय जांच एजेंसी का यह दायित्व है कि वह कैदियों के जीवन व स्वतंत्रता की सुरक्षा करें। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई 17 नवंबर 2020 को रखी है।
Created On :   12 Nov 2020 6:04 PM IST