सीवर लाईन प्रोजेक्ट को लेकर हाईकोर्ट ने साफ किया अपना रुख, अगली सुनवाई अब 24 को

High court clears its stand on sewer line project, next hearing now on 24th
सीवर लाईन प्रोजेक्ट को लेकर हाईकोर्ट ने साफ किया अपना रुख, अगली सुनवाई अब 24 को
सीवर लाईन प्रोजेक्ट को लेकर हाईकोर्ट ने साफ किया अपना रुख, अगली सुनवाई अब 24 को

पब्लिक मनी का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं करेंगे और पाई-पाई का हिसाब लेंगे, जो भी गड़बड़ी करते पाया गया उसके खिलाफ पीसी एक्ट के तहत कार्रवाई के आदेश देंगे
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर में चल रहे सीवर लाईन के काम पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर से सख्त रुख अपनाया है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा है कि सीवर लाईन का काम पब्लिक मनी से हो रहा है और उसका दुरुपयोग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। युगलपीठ ने यहां तक कहा कि इस प्रोजेक्ट का हम पाई-पाई का हिसाब लेंगे और जो भी गड़बड़ी करने का दोषी पाया गया उसके खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन (पीसी) एक्ट के तहत कार्रवाई के आदेश देंगे। इस मत से साथ युगलपीठ ने मामले पर 24 फरवरी को आगे सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि पिछले एक दशक से जबलपुर में बिछाई जा रही सीवर लाईन से शहर के शांति नगर, कृष्णा कालोनी, त्रिमूर्ति नगर, कमला नेहरू नगर और जगदम्बा कालोनी के लोगों को हो रही परेशानियों की खबर दैनिक भास्कर के 20 सितंबर के अंक में पेज नंबर 2 पर च्प्रापर्टी चेम्बर से जोड़े घरों के सीवर कनेक्शन, बंद कर दी गईं नालियां, पानी निकासी की जगह नहीं, अब राहत बनी मुसीबतज् शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। इसी खबर पर तत्कालीन चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने संज्ञान लेकर उसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश जारी किए थे। उसके बाद 21 सितंबर को 2017 को प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नगर निगम से जवाब तलब किया था। इसी मामले के साथ सौरभ शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका पर भी सुनवाई की जा रही है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत मित्र के रूप में अधिवक्ता अनूप नायर, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर, शासकीय अधिवक्ता भूपेश तिवारी और नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह हाजिर हुए। सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट की एक प्रति अधिवक्ता श्री नायर को देने के निर्देश देकर युगलपीठ ने सुनवाई 24 फरवरी तक के लिए मुलतवी कर दी।
अब यहां से मॉनीटरिंग के बजाए हम स्पॉट पर जाएंगे
सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पिछले 13 वर्षों से चल रहे सीवर लाईन के कामकाज पर नाखुशी जताई। स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करके युगलपीठ ने कहा कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में अब तक कई ठेके निरस्त हो चुके हैं और कई ठेकेदार तो काम छोड़कर भी भाग चुके हैं। अब बेहतर होगा कि हम यहां से मॉनीटरिंग करने के बजाए स्पॉट पर जाएंगे। इस मत के साथ युगलपीठ ने शनिवार को मदन महल पहाड़ी, तिलवारा घाट और कठौंदा में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट के निरीक्षण पर जाने के निर्देश दिए।
2007 में मौजूदा एजी ने दी थी सीवर लाईन को चुनौती
युगलपीठ को बताया गया कि सीवर लाईन के काम को लेकर सबसे पहली जनहित याचिका मौजूदा महाधिवक्ता शशांक शेखर ने ही वर्ष 2007 में दायर की थी। उस पीआईएल में आरोप लगाया गया था कि पहले एक सड़क बनाई जाती है और फिर कुछ समय बाद उसको खोदकर सीवर लाईन बिछाते हैं और फिर से नई सड़क बनाते हैं। युगलपीठ को यह भी बताया गया कि एक क्षेत्र में रहने वाले 7 सौ लोगों के घरों को सीवर से जोडऩे के लिए 8 इंच की पाईप लाईन बिछाई जा रही, जो व्यवहारिक ही नहीं है। इतना ही नहीं, शहर में एक भी जगह पर सीवर लाईन के पाईप में गैस चेम्बर नहीं बनाया गया।
लोगों को जागरूक करें, न मानें तो करो दंडात्मक कार्रवाई
सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने यहां तक कहा कि शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए लोगों को जागरुक करना होगा। इसके बाद भी यदि लोग गंदगी फैलाते हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होना चाहिए। इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि सड़क पर कचरा फेंकने वालों पर पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।
नर्मदा में न मिले नालों का पानी
युगलपीठ द्वारा की गई सुनवाई के दौरान नर्मदा नदी में गंदे नाले का पानी मिलने का भी मुद्दा उठा। युगलपीठ ने कहा कि ऐसा बिलकुल भी नहीं होना चाहिए। शासन और प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि गंदे पानी को नदी में मिलने से रोकें।
 

Created On :   15 Feb 2020 1:49 PM IST

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