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हाईकोर्ट: हिमाद्रि सिंह के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार की गवाही का अधिकार हाईकोर्ट ने किया समाप्त
डिजिटल डेस्क जबलपुर। शहडोल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार हिमाद्रि सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली कांग्रेस उम्मीदवार प्रमिला सिंह की चुनाव याचिका की हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में नया मोड़ आ गया है। खुद को बीमार बताकर गवाही देने नहीं आ रहीं प्रमिला सिंह की ओर से पेश किए गए मेडिकल सर्टिफिकेट की सत्यतता रिपोर्ट राज्य सरकार से मांगी है। साथ ही मामले पर प्रमिला सिंह की गवाही का अधिकार भी समाप्त करके अगली सुनवाई 2 दिसंबर को निर्धारित की है।
दी थी निर्वाचन को चुनौती-
हाईकोर्ट में यह चुनाव याचिका प्रमिला सिंह ने दायर करके हिमाद्रि सिंह के निर्वाचन को चुनौती दी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव प्रक्रिया में निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया गया, लिहाजा हिमाद्रि सिंह का निर्वाचन रद्द घोषित किया जाए। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि इस मामले में 24 सितंबर 2019 को विचारण के मुद्दे तय होने के बाद 14 अक्टूबर को पक्षकारों ने गवाहों की सूची प्रदान की। इसके बाद 5 नवम्बर को प्रमिला सिंह की गवाही होना थी, लेकिन वे बीमारी की वजह से हाजिर नहीं हो सकीं। 13 नवम्बर को फिर से प्रमिला सिंह बीमारी के चलते कोर्ट नहीं आ सकीं और उन्होंने हाजिरी माफी का आवेदन दायर किया। आवेदन के साथ में प्रमिला सिंह ने जिला अस्पताल शहडोल का एक मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन भी दायर किया। इसके बाद मामले पर बीते शुक्रवार को मामला फिर से प्रमिला सिंह की गवाही के लिए लगा, लेकिन वे फिर नहीं आईं। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा- "कानूनन, चुनाव याचिकाओं के निराकरण की समयसीमा 6 माह है। अधिकांश मामलों में ऐसा तब संभव होता है, जब पक्षकारों द्वारा सहयोग किया जाता है। दुर्भाग्य से इस मामले में याचिकाकर्ता खुद पीछे हट रहीं हैंं।Ó इस मत के साथ अदालत ने प्रमिला सिंह की गवाही का अधिकार समाप्त कर दिया। सुनवाई के दौरान हिमाद्रि सिंह की ओर से अधिवक्ता सूरज बाजपेई और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अखिल सिंह ने पक्ष रखा।
सरकार बताए, मेडिकल रिपोर्ट सही है या नहीं-
अदालत ने अपने आदेश में राज्य सरकार को कहा है कि प्रमिला सिंह ने अपनी बीमारी को लेकर जो मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन 13 नवम्बर को पेश किया था, उसकी सत्यतता रिपोर्ट शहडोल के जिला अस्पताल से बुलाई जाए। साथ ही पुलिस से भी रिपोर्ट बुलाई जाए।
ईवीएम को इस्तेमाल करने आयोग स्वतंत्र-
सुनवाई के दौरान अदालत ने चुनाव आयोग की ओर से दायर उस अर्जी पर भी विचार किया, जिसमें उसने शहडोल लोकसभा के चुनाव में इस्तेमाल की गईं ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को छोड़े जाने की मांग की थी। अदालत ने अर्जी मंजूर करके कहा कि आयोग उन मशीनों को अपने अनुसार इस्तेमाल करने स्वतंत्र है।
Created On :   23 Nov 2019 9:10 PM IST