हाईकोर्ट ने नहीं दी कोरोना से बचने बैंकाक जाने की अनुमति, महिला की याचिका खारिज

High court did not allow go Bangkok to safe from Corona, womans plea rejected
हाईकोर्ट ने नहीं दी कोरोना से बचने बैंकाक जाने की अनुमति, महिला की याचिका खारिज
हाईकोर्ट ने नहीं दी कोरोना से बचने बैंकाक जाने की अनुमति, महिला की याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोराना महामारी के चलते बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला को अपने बेटे को बैंकाक ले जाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। महिला ने याचिका में दावा किया था कि कोरोना संकट के बीच बैंकॉक उसके बेटे के लिए सुरक्षित जगह है। 18 जून 2020 तक वहां पर कोरोना के सिर्फ 3290 मामले ही थे। जबकि भारत में कोरोना संक्रमितो की संख्या 1.44 मिलियन है। यहा कोरोना से मारने वालों की संख्या भी बैंकाक के मुकाबले अधिक है। 

याचिका के मुताबिक उसके (महिला व उसके बेटे) पास थाईलैंड की नागरिकता भी है। इसलिए उसे जब तक मुंबई की पारिवारिक अदालत में बच्चे की कस्टडी को लेकर निर्णय नहीं हो जाता है तब तक उसे अपने 12 साल के बच्चे के साथ पढ़ाई के लिए बैंकाक जाने की इजाजत दी जाए। क्योंकि बैंकाक कोरोना से बचने के लिए सुरक्षित जगह है। न्यायमूर्ति ए ए सैयद व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों व याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने पाया कि वर्तमान में महिला का बेटा मुंबई के एक प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा 7 में पढ़ाई कर रहा है। जहां ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। खंडपीठ ने कहा कि शैक्षणिक सत्र के मध्य में हमे बच्चे की पढ़ाई में रुकावट पैदा करना तर्कसंगत नजर नहीं आता है। 

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने यह भी पाया कि महिला व उसके पति के बीच लंबे समय से वैवाहिक विवाद चल रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पारिवारिक अदालत को प्रकरण की सुनवाई एक समय सीमा के भीतर पूरा करने का निर्देश जारी किया है। बच्चे की कस्टडी से जुड़ी याचिका भी पारिवारिक अदालत में सुनवाई के लिए प्रलंबित है। ऐसे में याचिकाकर्ता (महिला) पारिवारिक अदालत के निर्णय की प्रतीक्षा क्यों नहीं कर सकती। जहां तक बात यहां कोरोना के प्रकोप की है तो हमें यह आधार बच्चे को बैंकाक ले जाने की अनुमति देने के लिए उचित नहीं लगता है। भले ही उसे इसके पहले उसे बच्चे से साथ कुछ समय के लिए बैंकाक जाने की अनुमति मिली है। यह कहते हुए खंडपीठ ने महिला की याचिका को खारिज कर दिया। 

Created On :   8 Oct 2020 6:13 PM IST

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