हाईकोर्ट ने 250 एसटी डिपो में नोटिस लगाने दिया निर्देश

High Court directs to place notice in 250 ST depots
हाईकोर्ट ने 250 एसटी डिपो में नोटिस लगाने दिया निर्देश
कर्मचारियों की हड़ताल जारी हाईकोर्ट ने 250 एसटी डिपो में नोटिस लगाने दिया निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल (एसटी महामंडल) के कर्मचारियों की हड़ताल अभी जारी है। इसके मद्देनजर बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को एसटी महामंडल को अपने 250 एसटी डिपों में बोर्ड में नोटिस लगाकर 48 हजार कर्मचारियों को इस मामले को लेकर जारी न्यायालय की अवमानना याचिका पर सुनवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने महामंडल को कहा है कि वह इस बारे में व्यापक प्रसार संख्यावाले दो मराठी अखबारों व एक हिंदी समाचारपत्र में सार्वजनिक नोटिस भी दे। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि जो कर्मचारी काम पर वापस आना चाहते है महामंडल उनकी मेडिकल जांच कराके उन्हें ड्युटी में शामिल करें। हाईकोर्ट में एसटी महामंडल की ओर से दायर न्यायालय की अवमानना याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस बीच कोर्ट को बताया कि कर्मचारियों के एक संगठन ने हड़ताल वापस ले ली है लेकिन महामंडल ने कहा कि उन्हें इस बारे में आधिकारिक पुष्टि का पत्र नहीं मिला है। इससे पहले कोर्ट ने कहा कि हड़ताल चलते ग्रामीण इलाकों में बच्चों व वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी हो रही है। इसलिए कर्मचारी काम पर लौटे।  हालांकि एक कर्मचारी संगठन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता गुणरत्ने सदाव्रते ने कहा कि कर्मचारी हड़ताल पर नहीं है वे अपने 55 साथियों के शोक में है जिन्होंने सरकार की उपेक्षा के चलते आत्महत्या कर ली है। कर्मचारियों की मांग है कि उनके साथ राज्य सरकार के कर्मचारी जैसा बरताव किया जाए।और एसटी महामंडल का राज्य सरकार में विलय किया जाए। इस मांग को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। 

शोक अनिश्चितकाल के लिए नहीं हो सकता

अधिवक्ता सदाव्रते से मिली इस जानकारी पर न्यायमूर्ति पीबी वैराले व एसएम मोडक की खंडपीठ ने कहा कि मानव जीवन की क्षति सदैव पीड़ादायी है। इसकों लेकर दुखी होना व शोक व्यक्त करना स्वाभाविक है। लेकिन यह शोक अंतहीन समय तक नहीं हो सकता है। जीवन में आगे बढने के लिए शोक से बाहर आना पड़ता है। इसलिए कर्मचारी काम पर वापस लौटने की दिशा में कदम बढाए। खंडपीठ ने कहा कि जब कर्मचारी काम पर लौटेगे तो महामंडल के राजस्व में बढोत्तरी होगी तो महामंडल कर्मचारियों के बेहतरी के बारे में विचार कर सकेंगा। यदि महामंडल के कर्मचारी काम पर नहीं लौटेगे तो कहा से कर्मचारियों की मांग पर विचार होगा। खंडपीठ ने कहा कि कर्मचारियों को सकारात्मक रुख अपनाकर काम पर वापस आना चाहिए। क्योंकि इससे स्कूल जानेवाले बच्चों को परेशानी हो रही है।कर्मचारियों के अपने बच्चे भी स्कूल जा रहे है। इस पर सदाव्रते ने कहा कि कर्मचारियों ने संवाद के लिए हमेशा दरवाजे खुले रखे है।जहां तक बात स्कूलजानेवाले बच्चों की है तो क्रिसमम की छुट्टियों के दौरान स्कूल बंद रहेंगे। वहीं राज्य सरकार की कमेटी ने इस मामले को लेकर सौपी प्रारंभिक रिपोर्ट में एसटी महामंडल के विलीनिकरण के मुद्दे पर स्पष्ट राय नहीं दी है। उसने इस बारे में और अध्ययन को जरुरी बताया है। इसके साथ ही स्पष्ट किया है कि कोरना महामारी के चलते एसटी महामंडल को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से महामंडल की आर्थिक सेहत पर विपरीत असर पड़ा है।   

मंत्री परब के ड्राइवर को 45 हजार वेतन

अधिवक्ता सदाव्रते ने कहा कि हम सिर्फ इतना चाहते है कि जब परिवहन मंत्री के ड्राइवर अनिल परब के ड्राइवर को 45 हजार वेतन मिल सकता है तो एसटी बस के ड्राइवर को 12 हजार वेतन क्यों दिया जा रहा है। उसके गरिमापूर्ण जीवन के बारे क्यों नहीं विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति इस मामले को देखे तो बेहतर होगा उन्हें मंत्री के बयान पर विश्वास नहीं है। कोर्ट अब याचिका पर 5 जनवरी को सुनवाई रखी है। 

 
 

Created On :   22 Dec 2021 8:08 PM IST

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