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पूर्व सांसद अडसूल को नहीं मिली राहत, ईडी की कार्रवाई के खिलाफ दायर की है याचिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मनी लांड्रिंग से जुड़े आरोपों का सामना कर रहे अमरावती से शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल को फिलहाल अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है। अडसूल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से शुरु की गई कार्रवाई को चुनौती दी है और इस मामले से गिरफ्तारी से राहत देने की मांग की है। इसके साथ ही ईडी की ओर से जारी किए गए समन पर रोक लगाने का आग्रह किया है।शुक्रवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ के सामने अडसूल की याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान अडसुल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड ने कहा कि मनी लांड्रिग के जिन आरोपों को लेकर ईडी मेरे मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उसको लेकर पहले ही मेरे मुवक्किल ने पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई थी। इस तरह देखा जाए तो ईडी मेरे मुवक्किल की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ ही कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि ईडी ने मेरे मुवक्किल के खिलाफ जो मामला दर्ज किया है उसकी प्रति भी उन्हें नहीं दी गई है। मेरे मुवक्किल को समन भेज कर क्यों बुलाया गया है। इसकी वजहों का भी समन में उल्लेख नहीं है।
उन्होंने कहा कि सांसद नवनीत कौर राणा के पति रवि राणा की ओर से की गई शिकायत के आधार पर ईडी ने मेरे मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई शुरु की है। मेरे मुवक्किल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बार सांसद नवनीत कौर का जाति प्रमाणपत्र रद्द किया गया था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने जाति प्रमाणपत्र से जुड़े हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। वहीं ईडी की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि ईडी के अधिकारी जब याचिकाकर्ता (अडसूल) को समन देने गए तो उन्होंने तमाशा किया था। इसके बाद एंबुलेस बुलाकर अस्पताल पहुंच गए। जहां उनकी सेहत ठीक पायी गई। इसके बाद याचिकाकर्ता दूसरे अस्पताल में जाकर वहां जाकर भर्ती हो गए। याचिकाकर्ता को राहत देने से पहले उनकी इस हरकत पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में ईडी अपराध से अर्जित किए गए पैसे से खऱीदी गई संपत्ति व पैसे के लेने-देन की जांच कर रही है।
इस मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम फिलहाल मामले में अंतरिम राहत नहीं देंगे। इसके बाद अडसूल के वकील ने याचिका में बदलाव करने की अनुमति मांगी। जिसे प्रदान करते हुए खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 8 अक्टूबर 2021 तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   1 Oct 2021 5:53 PM IST