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जज को हाईकोर्ट ने दिया अवमानना नोटिस, पूछा आरोपी पर कैसे लगा दी आम्र्स एक्ट की धारा?

मामले पर जवाब पेश करने हाईकोर्ट ने दी मोहलत, अगली सुनवाई 4 फरवरी को
डिजिटल डेस्क जबलपुर । पूर्व में दिए आदेश के बाद भी एक आरोपी पर बिना कोई कारण बताए आम्र्स एक्ट के आरोप तय करने को हाईकोर्ट ने आड़े हाथों लिया है। जस्टिस जेपी गुप्ता की एकलपीठ ने एडीजे विक्रम सिंह को अवमानना में शोकॉज नोटिस जारी पूछा है कि किन आधारों पर उन्होंने आरोप तय किए, उसका स्पष्टीकरण पेश किया जाए। अदालत ने जवाब पेश करने मामले की अगली सुनवाई 4 फरवरी को निर्धारित की है।
गौरतलब है कि पुराना शोभापुर निवासी अशोक कुमार यादव की ओर से यह पुनरीक्षण याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि हत्या व आपराधिक षडय़ंत्र रचने के आरोप में उसके खिलाफ गोसलपुर थाने में एक मामला वर्ष 2016 में दर्ज हुआ था। इसी मामले को लेकर पूर्व में एक और पुनरीक्षण याचिका वर्ष 2018 में दायर की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने 6 फरवरी 2018 को कहा था कि आरोपी के खिलाफ आरोप तय करते समय ट्रायल कोर्ट विस्तृत आदेश पारित करे। इस पुनरीक्षण याचिका में आरोप है कि ट्रायल कोर्ट ने 5 अगस्त 2019 को बिना कोई कारण बताए आरोपी के खिलाफ आरोप तय कर दिए।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अहादुल्ला उस्मानी और राज्य सरकार की ओर से पैनल अधिवक्ता मंजीत पीएस चक्कल ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि ट्रायल कोर्ट ने 6 फरवरी 2018 के स्पष्ट आदेश के बाद भी आरोपी पर आम्र्स एक्ट के आरोप तय किए, जबकि उसके पास से न तो कोई हथियार बरामद हुआ और न ही उस पर ऐसा कोई आरोप था। इसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने कहा- च्ट्रायल कोर्ट के जज बताएं कि उन्होंने पूर्व में पारित आदेश का क्यों पालन नहीं किया, क्योंकि ऐसा करना अवमानना की श्रेणी में आता है।ज् अदालत ने ट्रायल कोर्ट के जज को यह भी बताने कहा है कि किन परिस्थितियों में उन्होंने आम्र्स एक्ट के आरोप तय किए, वे इस बारे में भी स्पष्टीकरण पेश करें।
Created On :   22 Jan 2020 2:06 PM IST