करोड़ों की हेराफेरी की जांच का ब्यौरा पेश न करने पर हाईकोर्ट ने लगाई 20 हजार की कॉस्ट

High court imposed cost of 20 thousand for not presenting details of investigation of crores of crores
करोड़ों की हेराफेरी की जांच का ब्यौरा पेश न करने पर हाईकोर्ट ने लगाई 20 हजार की कॉस्ट
करोड़ों की हेराफेरी की जांच का ब्यौरा पेश न करने पर हाईकोर्ट ने लगाई 20 हजार की कॉस्ट

जिला पंचायत खण्डवा के एकाउण्ट ऑफीसर के खिलाफ दर्ज प्रकरण की प्रगति रिपोर्ट पेश न करने का मामला

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिला पंचायत खण्डवा में 6 साल पहले 9 करोड़ रुपए से अधिक की हेराफेरी के मामले पर दर्ज हुई एफआईआर की प्रगति रिपोर्ट पेश न करने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर 20 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है। जस्टिस संजय यादव और जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर की युगलपीठ ने सरकार को जानकारी पेश करने का समय देकर अगली सुनवाई 16 दिसंबर को निर्धारित की है।9 करोड़ 61 लाख 65 हजार रुपए की हेराफेरी की खण्डवा के चौक बाजार निवासी लक्ष्मण केल्डे की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ प्रमोद  त्रिपाठी ने वहां के कोतवाली थाने में तत्कालीन एकाउण्ट ऑफीसर राजीव जैन के खिलाफ शिकायत दी थी। सीईओ का आरोप था कि श्री जैन ने 9 करोड़ 61 लाख 65 हजार रुपए की हेराफेरी की है। इस मामले की एफआईआर 17 मई 2013 को दर्ज की गई थी। याचिका में आरोप है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। याचिका में राहत चाही गई है कि जांच पूरी करके चालान पेश करने के निर्देश अनावेदकों को दिए जाएं। इस मामले पर हाईकोर्ट ने विगत 21 नवम्बर को राज्य सरकार को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। मामले पर शुक्रवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा प्रगति रिपोर्ट पेश न किए जाने को गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने 20 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई। युगलपीठ द्वारा सुनाए गए आदेश की फिलहाल प्रतीक्षा है।
 

Created On :   7 Dec 2019 1:20 PM IST

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