6 दशकों से खनन में लगी कंपनी पर हाईकोर्ट ने ठोका 50 हजार का जुर्माना

High Court imposed fine of 50 thousand on mining company working from 6 decades
6 दशकों से खनन में लगी कंपनी पर हाईकोर्ट ने ठोका 50 हजार का जुर्माना
6 दशकों से खनन में लगी कंपनी पर हाईकोर्ट ने ठोका 50 हजार का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बालाघाट जिले में उत्खनन की अनुमति न मिलने पर हाईकोर्ट में दायर याचिका को अपरिपक्व बताकर हाईकोर्ट ने 6 दशकों से खनन के काम में लगी कंपनी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका है। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने नोटशीट पर दर्ज टिप्पणियों को आधार बनाकर दायर की गई याचिका को अपरिपक्व बताते हुए खारिज कर दी। साथ ही जुर्माने की रकम एक माह के भीतर मप्र लीगल सर्विस कमेटी में जमा करने के निर्देश भी दिए।

यह याचिका बालाघाट के मे. एपी त्रिवेदी एण्ड संस के पार्टनर निश्चल त्रिवेदी की ओर से दायर की गई थी। आवेदक कंपनी का कहना था कि वो पिछले 6 दशकों से खनिज का काम कर रही है। याचिका में 12 अप्रैल 2018 को मप्र सरकार के खनिज संसाधन विभाग के सचिव द्वारा जारी उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता कंपनी को मिली उत्खनन की लीज निरस्त करके उसकी बोली लगाने के निर्देश दिए गए थे।

याचिकाकर्ता का दावा था कि उसके और सरकार के बीच खदान की अनुमति 50 वर्षों के लिए मिली थी यह लीज हाईकोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में निष्पादित हुई थी। उक्त आदेश को निरस्त करने की प्रार्थना याचिका में हाईकोर्ट से की गई थी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अमित सेठ ने आपत्ति जताई। सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया कि पूर्व में 20 फरवरी 2018 को दिए गए नोटिस को चुनौती देकर याचिकाकर्ता ने एक याचिका दायर की थी।

उक्त याचिका 5 मार्च 2018 को यह कहते हुए वापस ले ली गई थी कि उचित समय आने पर सही विकल्प का इस्तेमाल करके सरकार की कार्रवाई को चुनौती दी जाएगी। युगलपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ फिलहाल कोई आदेश पारित नहीं हुआ है। मात्र नोटशीट में दर्ज टिप्पणियों को आधार बनाकर यह याचिका दायर कर दी गई, जो फिलहाल अपरिपक्व है। इस मत के साथ युगलपीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए याचिकाकर्ता कंपनी पर जुर्माना ठोंकते हुए याचिका खारिज कर दी।

Created On :   29 April 2018 12:47 PM GMT

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