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हाईकोर्ट : आरटीआई सुनवाई के लिए हो ऑनलाईन सुविधा, कुर्बानी को लेकर तत्काल जारी हो परिपत्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर की जानेवाली प्रथम अपील पर सुनवाई के लिए लोगों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई जाए। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह निर्देश मुंबई महानगरपालिका को दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने कहा कि यह सुविधा एक रात में नहीं बनेगी लेकिन मुंबई मनपा इसके लिए ठोस योजना तैयार करें। जिससे उसके हर प्रभाग में ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा उपलब्ध हो। इससे पहले याचिकाकर्ता अधिवक्ता मयूर फारिया ने कहा कि ए वार्ड के इंजीनियर उनसे आरटीआई की प्रथम अपील पर सुनवाई के लिए कार्यालय में शारिरिक रुप से उपस्थिति होने को कह रहे हैं। जो कोरोना संकट के चलते काफी जोखिम भरा हो सकता है। इस समय सफर भी आसान नहीं है। वहीं मुंबई मनपा के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता को ए वार्ड में ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा दी जाएगी। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सिर्फ याचिकाकर्ता को नहीं सभी को यह सुविधा दी जाए। मनपा इसके लिए ठोस योजना तैयार करें। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी हैं।
कुर्बानी को लेकर तत्काल जारी हो परिपत्रः हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि बकरीद के दौरान कुर्बानी के नियमन को लेकर तत्काल परिपत्र जारी किया जाए। परिपत्र में इस बात उल्लेख होना चाहिए कि देवनार बूचड़खाने में कुर्बानी को लेकर कौन सी प्रक्रिया अपनायी जाएगी। कोर्ट ने यह निर्देश मुंबई महानगरपालिका को दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि वैसे भी राज्य सरकार ने कोरोना के प्रकोप के कारण लोगों से बकरीद के त्योहार को प्रतीकात्मक रुप से मनाने की अपील की है। इसलिए हर किसी को स्थिति सुधरने का इंतजार करना चाहिए। पुलिस प्रशासन व मुंबई मनपा यह सुनिश्चित करें कि परिपत्र में दिए गए निर्देशों का पालन हो। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने एक गैर सरकारी संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका को समाप्त करते हुए उपरोक्त बात कही। याचिका में मुख्य रुप में बकरीद के दौरान लोगों की आवाजाही बिना रोक टोक करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि हम सामाजिक दूरी व दूसरे नियमों का पालन करने को तैयार हैं। इस दौरान मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस बार कुर्बानी की अनुमति में एक तिहाई की कमी सामने आयी हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह स्वाभाविक है। राज्य सरकार ने कोरोना के प्रकोप के कारण लोगों से प्रतीकात्मक रुप से त्योहार मनाने की अपील की है। इसलिए हर किसी को स्थिति सुधरने का इंतजार करना चाहिए।
Created On :   31 July 2020 8:29 PM IST