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हाईकोर्ट का आदेश - उच्च न्यायालय सहित अधीनस्थ अदालतों में भी 15 जून तक प्रभावी रहेंगे 10 मार्च तक के अंतरिम आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बैंच ने आदेश दिया है कि हाईकोर्ट, जिला एवं अधीनस्थ अदालतों द्वारा 10 मार्च तक जारी अंतरिम आदेश 15 जून तक प्रभावी माने जाएँगे। इस दौरान प्रशासन और नगरीय निकाय द्वारा तोडफ़ोड़, मकान और दुकान खाली कराने की कार्रवाई नहीं की जाएगी। आपराधिक मामलों में दी गई अंतरिम जमानत को भी 15 जून तक प्रभावशील माना जाएगा। बैंक और वित्तीय संस्थान 15 जून तक किसी संस्था या व्यक्ति से वसूली के लिए नीलामी की कार्रवाई नहीं कर सकेंगे। डिवीजन बैंच ने यह आदेश कोरोना के बढ़ते मामलों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जारी किया है।
इन कारणों से जारी किया गया आदेश
डिवीजन बैंच ने अपने आदेश में कहा है कि इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए किसी जिले में 26 अप्रैल तो किसी जिले में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू किया गया है। आने वाले दिनों में हालत सामान्य होने की संभावना कम नजर आ रही है। हाईकोर्ट ने 20 अप्रैल को आदेश जारी कर 30 अप्रैल तक वर्चुअल सुनवाई करने का आदेश जारी किया है। राज्य सरकार ने भी 10 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम करने का आदेश जारी किया है।
गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य विभाग और मुख्य सचिव को नोटिस
डिवीजन बैंच ने इस मामले में केन्द्रीय गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य विभाग और मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य अधिकारी को कोर्ट मित्र नियुक्त किया है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव, असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जेके जैन और जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर हाईकोर्ट बार एसोसिशन के अध्यक्ष और सचिव मौजूद थे।
ये हैं हाईकोर्ट के निर्देश
* हाईकोर्ट द्वारा जारी अंतरिम आदेश, जिसकी निश्चित समय अवधि नहीं हो और आगामी आदेश तक प्रभावी हो, उसे आगामी आदेश तक प्रभावशील माना जाएगा।
* जिला अदालत, फैमिली कोर्ट और अन्य अधीनस्थ अदालतों द्वारा 10 मार्च तक के लिए जारी किए अंतरिम आदेश की तिथि 15 जून तक बढ़ाई गई है। * हाईकोर्ट में जिन मामलों में लिखित जवाब पेश किया जाना है, उसकी तिथि 15 जून तक बढ़ा दी गई है।
* कब्जा खाली कराने, हटाने, गिराने और कब्जा लेने का आदेश 15 जून तक प्रभावी नहीं होगा।
* अंतरिम जमानत के आदेश 15 जून तक प्रभावी होंगे।
* प्रशासन और नगरीय निकाय द्वारा तोडफ़ोड़ और कब्जे हटाने की कार्रवाई 15 जून तक नहीं की जाएगी।
* बैंक या वित्तीय संस्थान किसी संस्था या व्यक्ति के खिलाफ नीलामी की कार्रवाई 15 जून तक नहीं कर सकेंगे।
* इस आदेश से यदि किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचती है तो वह न्यायालय में जाने के लिए स्वतंत्र होगा।
* राज्य सरकार कोई भी न्यायालय में कोई भी आवेदन या संशोधन आवेदन लगाने के लिए स्वतंत्र होगी।
* ऐसे संज्ञेय अपराध जिनमें 7 साल तक की सजा है, उन मामलों में पुलिस द्वारा 15 जून तक गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।
* पैरोल के आदेश भी 15 जून तक प्रभावशील रहेंगे।
Created On :   24 April 2021 2:37 PM IST