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हाईकोर्ट का वकीलों को लोकल ट्रेन में यात्रा अनुमति देने से इंकार, प्रत्यक्ष रुप से याचिका दायर करने की छूट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि हम महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स की ओर से दी गई मेडिकल सलाह की अनदेखी कर वकीलों को लोकल ट्रेन से यात्रा की अनुमति नहीं दे सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि हम वकीलों को कार्यस्थल पर पहुंचने में आ रही परेशानियों से अवगत हैं, लेकिन फिलहाल हम कोविड के विषय में विशेषज्ञों की ओर से दी गई मेडिकल सलाह से आगे नहीं जा सकते हैं। इसलिए फिलहाल वकीलों को ट्रेन से यात्रा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि अब हमने कोर्ट में प्रत्यक्ष रुप से याचिका दायर करने की छूट दी है, इसलिए सरकार कोर्ट के पंजीकृत 60 क्लर्कों को ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति देने के बारे में विचार करे। खंडपीठ ने सरकार को 16 जुलाई तक अपने निर्णय से अवगत कराने को कहा है। खंडपीठ के सामने वकीलों को ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर दायर कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील श्याम दीवानी ने कहा कि वकीलों को अपने कार्यस्थल पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है। इसलिए उन्हें भी लोकल ट्रेन से यात्रा की अनुमति दी जाए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हमे भी वकीलों की परेशानी की चिंता है। हम कोविड को लेकर महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स की सलाह ले रहे हैं। टास्क फोर्स ने कोविड की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की है। ऐसे में हम वकीलों को लेकल ट्रेन से यात्रा की अनुमति नहीं दे सकते है। लोकल ट्रेन में फिलहाल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को यात्रा की अनुमति है।
Created On :   13 July 2021 6:00 PM IST