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रामेश्वर नीखरा की याचिका हाईकोर्ट से खारिज, जानें क्या था मामला ?

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र स्टेट बार काउंसिल में अध्यक्ष पद से गंगा प्रसाद तिवारी द्वारा दिये गए इस्तीफे के बाद शिवेंद्र उपाध्याय के अध्यक्ष चुने जाने को चुनौती देने वाली रामेश्वर नीखरा की याचिका हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। मामले पर अपना विस्तृत फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस हेमन्त गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा कि हम ऐसी याचिका पर हस्तक्षेप नही कर सकते, जिसमें याचिकाकर्ता खुद निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान गैरहाजिर रहे। अध्यक्ष का निर्वाचन कॉउन्सिल के 25 में से 22 सदस्यों ने सर्वसम्मति से लिया था, इसलिए उसे अनुचित नही ठहराया जा सकता। इस मत के साथ युगलपीठ ने याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि बीते 3 फरबरी को स्टेट बार कॉउन्सिल में आयोजित जनरल बॉडी मीटिंग में गंगा प्रसाद तिवारी ने इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद सदस्यों ने उपाध्याय को अध्यक्ष चुना गया था। नीखरा ने इस निर्वाचन को इस आधार पर चुनौती दी थी कि बैठक के एजेंडे में नए चुनाव का जिक्र नही था। यदि ऐसा होता तो वो भी बैठक में हाजिर होकर अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ सकते थे। गौर तलब है कि 3 फरबरी को स्टेट बार कॉउन्सिल में आयोजित जनरल बॉडी मीटिंग में गंगा प्रसाद तिवारी ने इस्तीफा दे दिया था
कौंसिल की सदस्यदा से अयोग्य हो चुके हैं नीखरा
गौर तलब है कि मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद की सदस्यदा से रामेश्वर नीखरा को अयोग्य घोषित किया जा चुका है परिषद के अध्यक्ष एड. शिवेन्द्र उपाध्याय की अध्यक्षता में 24 फरवरी को रींवा में आयोजित परिषद की सामान्य सभा की बैठक मेें उक्त निर्णय लिया जा चुका है ।परिषद व्दारा जारी विज्ञप्ति में जानकारी दी गई थी कि सदस्य रामेश्वर नीखरा परिषद की पिछली कई बैठकों में लगातार अनुपस्थित रहे हैं और अनुपस्थिति की उनके व्दारा कोई वजह नहीं बताई गई जिससे प्रावधानों के तहत उक्त कार्रवाई की गई
Created On :   26 Feb 2018 1:24 PM IST