मानवीय आधार पर कर्मचारी का तबादला निरस्त करने की याचिका खारिज

High Court rejects petition against repeal of employees transfer
मानवीय आधार पर कर्मचारी का तबादला निरस्त करने की याचिका खारिज
मानवीय आधार पर कर्मचारी का तबादला निरस्त करने की याचिका खारिज


डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि सरकार के अधीन काम करने वाले हर कर्मचारी को कोई न कोई व्यक्तिगत परेशानी होती है। कोई माता पिता की देखभाल कर रहा तो किसी के  बच्चे पढ़ रहे हैं। अब यदि सबकी ऐसी परेशानियों को मानवीय आधार से देखा गया, तो उससे सरकार का कामकाज प्रभावित होगा। यह तय करना सरकार का काम है कि किस कर्मचारी को कहां पदस्थ करना है। इस बारे में कोर्ट कोई भी आदेश नही दे सकती। इस टिप्पणी के साथ चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने 5 साल से जबलपुर में पदस्थ एक कर्मचारी के अनूपपुर किए गए तबादले को मानवीय आधार पर रदद् करने वाले एकलपीठ के आदेश को खारिज कर दिया है।  

 

दरअसल जबलपुर जिले के सिहोरा में सब रजिस्ट्रार ऑफिस में असिस्टेन्ट ग्रेड के पद पर पदस्थ सचिन जैन का तबादला सरकार ने अनूपपुर किया था। उसके स्थान पर संजीत हरदहा की नियुक्ति सिहोरा में की गई थी। सचिन जैन ने इस तबादले को इस आधार पर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी कि उसका बच्चा हृदय की गम्भीर बीमारी से पीड़ित है, जिसका इलाज चल रहा है। ऐसे में उसे जबलपुर में ही पदस्थ रहने दिया जाए। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 15 दिसंबर 2017 को मानवीय आधार पर सचिन जैन का तबादला निरस्त कर दिया था। एकलपीठ के इसी फैसले को चुनौती देकर संजीत हरदहा ने यह रिट अपील दायर की थी।


सुनवाई के दौरान संजीत हरदहा की ओर से अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता नम्रता अग्रवाल ने पक्ष रखा। युगलपीठ ने पाया कि सचिन जैन पिछले 5 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ है, जो सामान्य कार्यकाल से अधिक है। यदि सचिन का पुत्र अस्वस्थ है, तो वह अवकाश लेकर उसकी देखभाल कर सकता है, लेकिन उसको पसंद की जगह पर पदस्थ रहने इजाजत नही मिल सकती। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने मानवीय आधार पर दिए गए एकलपीठ के आदेश को खारिज कर दिया। युगलपीठ ने सरकार को कहा है कि सचिन जैन को कहां पदस्थ किया जाए, इस बारे में वह विचार करे।

Created On :   28 Feb 2018 11:34 AM IST

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