हाईकोर्ट: कपड़ा खरीदी घोटाले में गवाह आर्मी हवलदार को अवैध हिरासत से रिहा करो

High Court: Release witness army havildar from illegal detention in textile procurement scam
हाईकोर्ट: कपड़ा खरीदी घोटाले में गवाह आर्मी हवलदार को अवैध हिरासत से रिहा करो
हाईकोर्ट: कपड़ा खरीदी घोटाले में गवाह आर्मी हवलदार को अवैध हिरासत से रिहा करो



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस वीरेंदर सिंह की डिवीजन बैंच ने आर्मी को कपड़ा खरीदी घोटाले में गवाह वनएसटीसी जबलपुर के हवलदार को अवैध हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है। डिवीजन बैंच ने याचिकाकर्ता को छूट प्रदान की है कि अवैध रूप से हिरासत में रखने वालों पर अलग से कार्रवाई की जा सकती है।
यह है मामला-
यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका वनएसटीसी जबलपुर में पदस्थ हवलदार सुमेश बी की पत्नी सारान्या जीएस की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि वनएसटीसी में हुए कपड़ा घोटाले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी चल रही है। इस मामले में उसके पति सुमेश बी गवाह हैं। 23 फरवरी 2021 को आर्मी ने उसके पति को अवैध हिरासत में ले लिया है। उसके पति को इसलिए हिरासत में लिया गया है कि वे इस मामले के दूसरे गवाह को प्रभावित कर सकते हैं। लगभग 50 दिन होने के बाद भी उसके पति को किसी से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है।
हिरासत में नहीं रखा जा सकता गवाह को-
अधिवक्ता अजय पाल सिंह ने तर्क दिया कि आर्मी कानून के अनुसार किसी भी गवाह को हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। हवलदार सुमेश बी के खिलाफ किसी भी प्रकार का आरोप नहीं है। ऐसे में कर्नल अखिलेश सिंह और मेजर अजीत सिंह द्वारा हवलदार को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है। हवलदार ने आर्मी नियमों के तहत पारदर्शी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए पत्र भी लिखा था। आर्मी की ओर से पेश किए गए जवाब में कहा गया कि हवलदार सुमेश बी के खिलाफ किसी भी तरह का आरोप नहीं है। वह केवल एक मामले में गवाह है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने हवलदार को अवैध हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है।

Created On :   14 April 2021 9:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story