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सोहराबुद्दीन मामले में अमित शाह पर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सोहराबुद्दीन मामले से बरी करने के निर्णय को सीबीआई द्वारा ऊपरी अदालत में चुनौती देने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है। बांबे लायर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में इस विषय में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में शाह को दोष मुक्त करने के निर्णय को सीबीआई द्वारा चुनौती न देने के फैसले को मनमानीपूर्ण व अवैध बताया गया है। शाह को सीबीआई कोर्ट ने चार साल पहले इस मामले से मुक्त किया था।
बुधवार को न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि सीबीआई न्याय व्यवस्था का अहम हिस्सा है उसे सरकार के साथ नहीं बदलना चाहिए। उसे अपनी स्वतंत्र होने की गरिमा को बरकरार रखना चाहिए। सोहराबुद्दीन गैंगस्टर था सिर्फ इसलिए किसी को उसे मारने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है। शाह के दोषमुक्त करने के निर्णय को चुनौती न देने के सीबीआई के फैसले को न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता है। यह याचिका लोकप्रियता हासिल करने नहीं बल्कि कानून के राज को कायम रखने के लिए दायर की गई है। सीबीआई ने सिर्फ कुछ आरोपियों को मामले से मुक्त किए जाने के निर्णय को चुनौती दी। जिसे उचित नहीं माना जा सकता है।
वहीं सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती न देने का निर्णय एक सजग फैसला है। उन्होंने कहा कि सोहराबुद्दीन मामले में कुल 38 आरोपी हैं, इसमे से 15 आरोपियों को दोष मुक्त किया जा चुका है। सिंह ने कहा कि सीबीआई का काम मामले की जांच करना है न कि अदालत के फैसले को चुनौती देना। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
Created On :   3 Oct 2018 3:12 PM GMT