Mumbai News: सत्ताधारी विधायकों को 5 करोड़ फंड, छोटे कॉन्ट्रेक्टरों को बकाया देने के लिए पैसा नहीं - रोहित पवार

सत्ताधारी विधायकों को 5 करोड़ फंड,  छोटे कॉन्ट्रेक्टरों को बकाया देने के लिए पैसा नहीं - रोहित पवार
  • सरकार पर कांट्रेक्टरों के अभी भी 88 हजार करोड़ के बिल बकाया
  • आत्महत्या पर उतारू हैं छोटे ठेकेदार- मिलिंद भोसले

Mumbai News. राकांपा (शरद) विधायक नेता रोहित पवार ने राज्य सरकार की कथनी और करनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव से पहले सत्ताधारी विधायकों को विकास निधि के नाम पर करोड़ों का फंड दिया जा रहा है, जबकि राज्य के छोटे मराठी कॉन्ट्रैक्टरों के बकाया भुगतान के लिए पैसा नहीं है। रोहित ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने सिर्फ सत्ता पक्ष के विधायकों को 5-5 करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने एक खास वर्ग को खुश करने के लिए फंड दिया है।

रोहित पवार ने कहा कि राज्य सरकार जनता के पैसों का सिर्फ राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि आम लोगों और छोटे ठेकेदारों को राहत देने की बजाय सत्ता पक्ष चुनावी फायदों के लिए सरकारी कोष का दुरुपयोग कर रहा है। मत खरीदने के लिए पैसा है, लेकिन विकास के काम पूरे करने के लिए नहीं। रोहित ने कहा कि सरकार के पास केवल सत्ताधारी दल के 54 विधायकों को 5-5 करोड़ रुपये देने के लिए फंड है, लेकिन मध्यमवर्गीय मराठी कॉन्ट्रैक्टरों के करीब 80 हजार करोड़ रुपए के बकाया बिलों के लिए पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव से पहले सरकारी कोष से पैसा बांटना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। रोहित पवार ने सत्ताधारी दलों पर जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन लोगों का जन्म ही पैसों के ‘खोके’ से हुआ है, उनसे न्याय और लोकतंत्र का सम्मान करने की उम्मीद रखना वैसा ही है, जैसे किसी गुंडे से सदाचार का प्रवचन सुनना।

आत्महत्या पर उतारू हैं छोटे ठेकेदार- मिलिंद भोसले

महाराष्ट्र कांट्रेक्टर असोसिएशन के अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने कहा कि हम पिछले 9 महीने से राज्य सरकार से ठेकेदारों द्वारा किए गए सरकारी कार्यों के बिलों के भुगतान की मांग कर रहे हैं। लेकिन कुछ दिनों पहले ही सरकार ने 90 हजार करोड़ रुपए के बकाया बिलों में से सिर्फ 2 हजार 400 करोड़ रुपए के बिलों का ही भुगतान किया है। भोसले ने कहा कि सरकार ने करीब 30 हजार ऐसे ठेकेदारों का एक करोड रुपए से कम के बकाया बिलों का पूरी तरह से भुगतान कर दिया है, जिनकी संख्या करीब 40 हजार है। जबकि एक करोड़ से ऊपर बकाया बिल वाले 30 हजार ठेकेदारों को सिर्फ चार प्रतिशत भुगतान की राशि ही दी गई है। ऐसे में हमारी सरकार से मांग है कि जब पैसे के अभाव में ठेकेदार आत्महत्या पर उतारू हैं तो सरकार को जल्द से जल्द बकाया बिलों का भुगतान करना चाहिए।

Created On :   23 Oct 2025 9:12 PM IST

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