हाईकोर्ट ने कहा- ब्लैक फंगस के मरीजों की हालत दयनीय , हर हाल में उपलब्ध कराओ एम्फोटिसिरिन-बी इंजेक्शन

High court said - condition of patients with black fungus is pathetic, make available amphotisirin-B injection
हाईकोर्ट ने कहा- ब्लैक फंगस के मरीजों की हालत दयनीय , हर हाल में उपलब्ध कराओ एम्फोटिसिरिन-बी इंजेक्शन
हाईकोर्ट ने कहा- ब्लैक फंगस के मरीजों की हालत दयनीय , हर हाल में उपलब्ध कराओ एम्फोटिसिरिन-बी इंजेक्शन

एक सप्ताह में तय करो निजी अस्पतालों में इलाज के रेट, अगली सुनवाई 31 मई को
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम ब्लैक फंगस के मरीजों की दयनीय हालत के बारे में जानते हैं। उनके लिए पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन नहीं हैं। राज्य सरकार हर हाल में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए एम्फोटिसिरिन-बी इंजेक्शन उपलब्ध कराए। राज्य सरकार चाहे तो बिना टेंडर के भी ब्लैक फंगस के इंजेक्शन खरीद सकती है। डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि एक सप्ताह में कोर्ट मित्र और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के रेट तय किए जाएँ। याचिका की अगली सुनवाई 31 मई को नियत की गई है। 
पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं ब्लैक फंगस के इंजेक्शन 
कोर्ट मित्र श्री नागरथ ने कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले एक हजार से अधिक हो चुके हैं। इसके लिए राज्य सरकार को केवल 6426 डोज मिली है, जो मरीजों की लिए पर्याप्त नहीं हैं। डिवीजन बैंच ने कहा कि ब्लैक फंगस के एक मरीज को इंजेक्शन की 50 से 100 डोज लगती है, फिलहाल इंजेक्शन पर्याप्त नहीं हैं। राज्य सरकार चाहे तो बिना टेंडर के भी इंजेक्शन खरीद सकती है। इस मामले में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को समन्वय से काम करना चाहिए। महाधिवक्ता श्री कौरव ने कहा कि ब्लैक फंगस के इंजेक्शन के पाँच निर्माता हैं। राज्य सरकार ब्लैक फंगस के इंजेक्शन दुनिया में जहाँ भी उपलब्ध हैं, वहाँ से लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके लिए ग्लोबल टेंडर भी जारी किए जा रहे हैं।
महाधिवक्ता ने कहा- निजी अस्पतालों के रेट तय करने बनाई समिति 
महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव ने डिवीजन बैंच को बताया कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के रेट तय करने के लिए 20 मई को समिति का गठन कर दिया गया है। 7 दिन में समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगी। कोर्ट मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कहा कि सरकार ने निजी अस्पतालों में 29 फरवरी 2020 के शेड्यूल रेट से 40 प्रतिशत अधिक लेने का आदेश जारी किया था। ये रेट अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद तय किए गए थे। इसके लिए प्रदेश के सभी सीएमएचओ के माध्यम से निजी अस्पतालों के जनवरी और फरवरी 2020 के बिल मँगाए जा सकते हैं। कोर्ट ने एक सप्ताह में निजी अस्पतालों के रेट तय करने का निर्देश दिया है। 
सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर्स की पूरी जानकारी पेश करो 
राज्य सरकार की ओर से सोमवार को प्रदेश के सागर, कटनी और अलीराजपुर सहित पाँच सरकारी अस्पतालों के वेंटिलेटर्स की रिपोर्ट पेश की गई। इस पर डिवीजन बैंच ने असंतोष जाहिर करते हुए प्रदेश के सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों की वेंटिलेटर्स की पूरी जानकारी पेश करने के लिए कहा है। 
तीसरी लहर की विस्तृत कार्ययोजना पेश करने का निर्देश 
डिवीजन बैंच ने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना संक्रमण फैलने के बाद जून 2020 में केन्द्रीय कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों के इंतजाम की बैठक ली थी। इसमें बताया गया था कि मध्यप्रदेश के 52 में से 31 जिलों में आईसीयू नहीं हैं। इसके साथ ही 16 जिलों में वेंटिलेटर्स नहीं हैं। राज्य सरकार कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए विस्तृत कार्ययोजना पेश करे। 

Created On :   25 May 2021 8:12 AM GMT

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