हाईकोर्ट ने कहा - जिम्मेदार व्यक्ति को बुद्धिमानी से शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए

High Court said - responsible person should use words wisely
हाईकोर्ट ने कहा - जिम्मेदार व्यक्ति को बुद्धिमानी से शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए
 शेलार और महापौर से जुड़ा विवाद हाईकोर्ट ने कहा - जिम्मेदार व्यक्ति को बुद्धिमानी से शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक आशिष शेलार की ओर से दायर की गई याचिका पर मुंबई की महापौर किशोरी पेंडणेकर को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कहा कि जिम्मेंदार व्यक्ति को बुध्दिमानी से शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए। महापौर पेंडणेकर ने  पिछले दिनों भाजपा विधायक शेलार की ओर से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी।जिसे रद्द करने की मांग को लेकर शेलार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।  गुरुवार को न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति अनिल किलोर की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने मेयर पेंडणेकर को नोटिस जारी किया और दो सप्ताह के भीतर उन्हें अपना जवाब देने का निर्देश दिया। इससे पहले सरकारी वकील ने खंडपीठ को आश्वास्त किया कि इस मामले को लेकर शेलार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी। और मामले की अगली सुनवाई तक प्रकरण को लेकर आरोपपत्र भी नहीं दायर किया जाएगा। पिछले साल एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान शेलार द्वारा की गई आपत्तिजनत टिप्पणी को लेकर मेयर पेंडणेकर ने मुंबई के मरिन ड्राइव पुलिस स्टेशन में शेलार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में मेयर ने दावा किया था कि शेलार ने यह टिप्पणी वर्ली इलाके में हुए सिलेंडर ब्लास्ट की घटना को लेकर की थी। इस घटना में चार लोगों कि मौत हो गई थी। 

भाजपा विधायक शेलार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रिजवान मर्चेंट ने खंडपीठ के सामने कहा कि मेरे मुवक्किल ने महापौर से सिर्फ सवाल किया था। मेरे मुवक्किल ने महापौर पर कोई हमला नहीं बोला था। मेरे मुवक्किल ने सिलेंडर ब्लास्ट की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कुछ बयान दिए थे। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि जनता के प्रतिनिधि नागरिकों के जनहित से जुड़े मुद्दों को उठा सकते है लेकिन ऐसे प्रतिनिधि को संवेदनशील भी होना चाहिए। ऐसी घटनाए सार्वजनिक जीवन में होती है लेकिन जिम्मेदार व्यक्ति को बुद्धिमानी से शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए। इस दौरान कोर्ट ने मामले से जुड़े पक्षकारों को आपसी सहमति से भी मामले को सुलझाने का भी सुझाव दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले से जुड़े दोनों पक्षकार जिम्मेदार व्यक्ति है और दोनों महत्वपूर्ण पद पर है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। 

 

Created On :   13 Jan 2022 9:36 PM IST

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