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हाईकोर्ट ने कहा- एसबीआई को जमा करना होंगे कॉस्ट के 20 हजार रूपए

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जवाब पेश न करने पर हाईकोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर पूर्व में लगाई गई बीस हजार रूपये की कॉस्ट की रकम जमा करने कहा है। बैंक प्रबंधन की ओर से कॉस्ट लगाने के आदेश को निरस्त करने दायर आवेदन खारिज करते हुए जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने उक्त राशि यचिकाकर्ता को अगली सुनवाई तक देने कहा है। साथ ही यह हिदायत भी दी कि अगली सुनवाई तक रकम अदा न करने पर संबंधितों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को पूर्व में आदेश जारी कर चुके
अनूपपुर के ग्राम मेढिय़ारश निवासी 80 साल के बुजुर्ग राम चरन मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वो रेलवे में क्र्लक के पद पर कार्यरत थे। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें 6वें व 7वें वेतनमान के एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया है। इसके अलावा पुरानी दर से ही पेंशन दिए जाने को याचिका में चुनौती दी गई थी। मामले पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से पेश किए गए जवाब में कहा गया था कि याचिकाकर्ता को पेंशन व अन्य लाभ प्रदान किये जाने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को पूर्व में आदेश जारी कर चुके हैं। मामले पर कई मौके दिए जाने के बाद भी एसबीआई की ओर से जवाब पेश न करने पर अदालत ने एसबीआई के सेन्ट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेन्टर भोपाल और अनूपपुर शाखा के मैनेजर पर 29 नवम्बर 2018 को दस हजार रूपये की कॉस्ट लगाई थी। इसके बाद भी एसबीआई ने जवाब पेश न करने पर हाईकोर्ट ने 13 दिसम्बर 2018 को कॉस्ट की रकम 10 से बढ़ाकर 20 रूपये करके उसका भुगतान याचिकाकर्ता को करने के निर्देश दिए थे। कॉस्ट का आदेश निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए एक अर्जी बैंक प्रबंधन की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई थी।मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अनावेदकों द्वारा याचिकाकर्ता को कॉस्ट की रकम अदा नहीं की गई। इसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने 1 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले याचिकाकर्ता को उक्त रकम देने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजस पोहनकर पैरवी कर रहे हैं।
Created On :   19 Sept 2019 4:52 PM IST