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सीटी स्कैन के 2500 रुपए वसूलने पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया है कि जिला अस्पताल में गरीबी रेखा से ऊपर वाले किसी भी मरीज से सीटी स्कैन के 933 रुपए से अधिक नहीं वसूले जा सकते हैं, चाहे मरीज निजी, सरकारी चिकित्सक के परामर्श से या फिर बिना परामर्श के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन कराने आए। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने यह आदेश राज्य सरकार के उस जवाब को खारिज करते हुए दिया है, जिसमें कहा गया है कि गरीबी रेखा के ऊपर वाले उन मरीजों से सीटी स्कैन के ढाई हजार रुपए लिए जाएँगे, जो निजी चिकित्सकों के परामर्श से सीटी स्कैन कराने आएँगे। डिवीजन बैंच ने गरीबी रेखा से ऊपर वाले मरीजों से सीटी स्कैन के ढाई हजार रुपए वसूलने पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण भी माँगा है।
यह है मामला
यह जनहित याचिका कटनी के एनएसयूआई अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा (अंशु) की ओर से दायर की गई है। याचिका में कटनी सहित प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन लगाने की माँग की गई थी। सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि प्रदेश के 14 जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई है, बाकी बचे 37 जिला अस्पतालों में भी जल्द ही सीटी स्कैन मशीन लगा दी जाएगी।
सीटी स्कैन के 2.5 हजार रुपए की वसूली
अधिवक्ता योगेश सोनी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पूर्व में दिए गए जवाब में कहा गया था कि जिला अस्पताल में गरीबी रेखा से ऊपर वाले मरीजों से 933 रुपए लिए जाएँगे, जबकि आयुष्मान, दीनदयाल और बीपीएल कार्ड धारियों का नि:शुल्क सीटी स्कैन किया जाएगा। कटनी जिला अस्पताल में गरीबी रेखा से ऊपर वाले मरीजों से सीटी स्कैन के ढाई हजार रुपए लिए जा रहे हैं।
यह था राज्य सरकार का जवाब
इस पर राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब में कहा गया कि गरीबी रेखा से ऊपर के उन मरीजों से ढाई हजार रुपए लिए जा रहे हैं, जो निजी चिकित्सकों के परामर्श देने पर सीटी स्कैन कराने आ रहे हैं। डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार के इस जवाब को खारिज करते हुए कहा कि गरीबी रेखा से ऊपर वाले किसी भी मरीज से सीटी स्कैन के 933 रुपए से अधिक न लिया जाएगा, चाहे वह मरीज निजी या सरकारी चिकित्सक के परामर्श से आए या फिर बिना परामर्श के सीटी स्कैन कराने आए। मामले की अगली सुनवाई 10 जून को निर्धारित की गई है।
Created On :   1 Jun 2021 5:07 PM IST