- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- अवमानना में जिला सहकारी केन्द्रीय...
अवमानना में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पूर्व मैनेजर की सजा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
डिजिटल डेस्क जबलपुर । अवमानना के एक मामले में दोषी पाए गए पन्ना जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पूर्व मैनेजर अशोक कुमार शर्मा को चार माह पहले हाईकोर्ट द्वारा दी गई एक माह की सजा पर सोमवार को रोक लगा दी गई। पिछले 5 दिनों से चल रही सुनवाई के बाद जस्टिस सुजय पॉल और जस्टिस अंजुली पॉलो की युगलपीठ ने शर्मा की पुनर्विचार याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया। गौरतलब है कि बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी जानकी प्रसाद द्विवेदी ने अपने सेवानिवृत्ति लाभों को पाने के लिए वर्ष 2011 से मामले दायर करने शुरू किए। हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2014 के बाद से लगातार दिए गए आदेशों के बाद भी उन्हें सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिए गए। इसके बाद वर्ष 2018 में श्री द्विवेदी ने दूसरी बार अवमानना याचिका दायर की थी। उक्त मामले पर हाईकोर्ट ने 5 अगस्त 2019 को अशोक कुमार शर्मा को अवमानना का दोषी पाते हुए एक माह की सजा सुनाई थी। इसका जिक्र उनकी सीआर में दर्ज करने के भी आदेश हाईकोर्ट ने सक्षम अधिकारी को दिए थे, साथ ही उन्हें कहा गया था कि वे अपनी जेब से याचिकाकर्ता जानकी प्रसाद द्विवेदी को दस हजार रुपए कॉस्ट के रूप में दें। अवमानना में दी गई सजा के फैसले पर पुनर्विचार करने याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर विगत 11 दिसंबर से हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही थी।
मामले पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुशांत रंजन ने कहा कि जानकी प्रसाद द्विवेदी की याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश पारित किए थे, उस दौरान उनके मुवक्किल पन्ना के बैंक में पदस्थ ही नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि श्री शर्मा की पोस्टिंग संबंधित बैंक में बाद में हुई, इसलिए उन्हें अवमानना में दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इस दलील के समर्थन में पेश की गईं दलीलों पर गौर करने के बाद युगलपीठ ने सजा पर रोक लगाते हुए पुनर्विचार याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली।
Created On :   17 Dec 2019 2:27 PM IST