केन्द्र सरकार के सचिव की गैरहाजिरी पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- अगली पेशी पर हर हाल में हाजिर हों

High court strict on absence of Central Government Secretary, said-
केन्द्र सरकार के सचिव की गैरहाजिरी पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- अगली पेशी पर हर हाल में हाजिर हों
केन्द्र सरकार के सचिव की गैरहाजिरी पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- अगली पेशी पर हर हाल में हाजिर हों

 भोपाल गैस पीडि़तों की समस्याओं को लेकर सुको के आदेश पर अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा पेश करने के निर्देश, अगली सुनवाई 4 मार्च को
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव की सचिव की गैरहाजिरी को जमकर आड़े हाथों लिया है। भोपाल गैस पीडि़तों की समस्याओं को लेकर दायर मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा है कि तीन बार से लगातार गैरहाजिर सचिव अगली पेशी पर हर हाल में कोर्ट में हाजिर हों। साथ ही वे यह भी बताएं कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2012 में दिए गए दिशानिर्देशों के तहत अब तक क्या कार्रवाई हुई, उसका बिन्दुवार ब्यौरा पेश किया जाए। मामले पर अगली सुनवाई 4 मार्च होगी। गौरतलब है कि भोपाल गैस पीडि़तों को रहीं समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में भोपाल गैस पीडि़त महिला उद्योग संगठन का मामला हाईकोर्ट को सुनवाई के साथ मॉनीटरिंग करने के लिए भेजा था। इस मामले की सुनवाई अन्य याचिकाओं के साथ हो रही है। मामलों पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, अधिवक्ता उत्तम माहेश्वरी, जुबिन प्रसाद, केन्द्र सरकार की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता हरजस छाबड़ा हाजिर हुए। सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि कोरोना वायरस से संबंधित प्रेजेन्टेशन में व्यस्त होने की वजह से सचिव आज हाजिर नहीं हो सके हैं। इस पर युगलपीठ  ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सचिव को अगली पेशी पर हर हाल में हाजिर होने के निर्देश दिए।
बिना अनुमति स्टाफ न किया जाए कम: सुनवाई के दौरान श्री नागरथ ने युगलपीठ को बताया कि रिटायर्ड जस्टिस वीके अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित मॉनीटरिंग कमेटी के स्टाफ को लगातार कम किया जा रहा है। न्यायालय के आदेश पर गठित कमेटी को कुर्सी टेबल तक हाईकोर्ट के निर्देशों पर मुहैया कराई गई। कमेटी का दर्जा न्यायालय के बराबर का है, इसके बाद भी सरकार कमेटी के स्टाफ का कार्यकाल नहीं बढ़ा रही है। इस पर युगलपीठ ने कहा है कि कोर्ट की इजाजत के बिना कमेटी के स्टाफ से किसी तरह की छेड़छाड़ न की जाए न ही उसे कम किया जाए।
 

Created On :   14 Feb 2020 1:52 PM IST

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