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मानसिक रूप से कमजोर दुष्कर्म पीडि़ता को गर्भपात की अनुमति -पीडि़त युवती की माँ की याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने मानसिक रूप से कमजोर दुष्कर्म पीडि़त युवती को गर्भपात की अनुमति दे दी है।डिवीजन बैंच ने निर्देश दिया है कि हमीदिया अस्पताल भोपाल के अधीक्षक द्वारा पीडि़त युवती के गर्भपात के लिए आवश्यक इंतजाम किए जाएँ। इसके साथ ही होशंगाबाद एसपी को िनर्देश दिया गया है कि युवती को अस्पताल ले जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाए।
ये है मामला
यह याचिका होशंगाबाद निवासी एक महिला ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि उसकी 24 वर्षीय बेटी मानसिक रूप से कमजोर है और उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई है। बेटी ने इशारे से बताया कि उसके पेट में दर्द हो रहा है। जब डॉक्टर से जाँच कराई गई तो पता चला कि उसकी बेटी गर्भवती है। उसकी बेटी बच्चे का पालन-पोषण करने के लिए सक्षम नहीं है। इसको देखते हुए उसे गर्भपात की अनुमति प्रदान की जाए।
युवती की मानसिक उम्र सिर्फ 6 वर्ष
अधिवक्ता हरप्रीत सिंह रूपराह और अधिवक्ता उमाशंकर तिवारी ने तर्क दिया कि हमीदिया अस्पताल के चिकित्सकों ने पीडि़त युवती की जाँच की थी। जिसमें पाया गया कि युवती की शारीरिक उम्र 24 वर्ष है, लेकिन वास्तव में युवती की मानसिक उम्र 6 वर्ष है। स्थिति को देखते हुए पीडि़त युवती को गर्भपात की अनुमति देना न्यायहित में होगा। डिवीजन बैंच ने मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद युवती को गर्भपात की अनुमति प्रदान कर दी है। राज्य शासन सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष रखा।
Created On :   15 July 2021 7:47 PM IST