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हाईकोर्ट का केंद्र सरकार से सवाल, रिक्त पदों को लेकर की टिप्पणी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर वह कब न्यायपालिक को ‘बूस्टर’ देने पर विचार करेंगी। हाईकोर्ट ने यह बात देशभर डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में रिक्त पदों को लेकर कही है। कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार चाहती है कि देश की अर्थव्यवस्था को बूस्टर मिले तो फिर वह उन न्यायाधिकरणों के रिक्त पदों को क्यों नहीं भर रही है, जो बैंकों को उनका बकाया कर्ज वसूल करने में मदद करते हैं। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में बूस्टर डोज की काफी चर्चा है फिर चाहे वह कोरोना के टीके का बूस्टर डोज हो या फिर अर्थव्यवस्था का बूस्टर हो। अदालत ने पूछा कि न्यायपालिका का बूस्टर कहा है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने यह बात दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कही। याचिका में मुख्य रुप से केंद्र सरकार को मुंबई में डेट रिकवरी अपीलेट ट्रिब्यूनल (डीआरएटी) के चेयरमैन की नियुक्ति का निर्देश देने की मांग की गई है। दरअसल कई महिनों से मुंबई सहित राज्य के अन्य इलाकों में स्थित डीआरएटी व पीठासीन अधिकारियों के पद रिक्त हैं। जिसके चलते डीआरएटी व डीआरटी में दायर किए जानेवाले मामले हाईकोर्ट पहुंच रहे हैं और हाईकोर्ट में मामलों की संख्या काफी बढ रही है।
शुक्रवार को खंडपीठ ने कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा रिक्त पदों को भरने में हो रहे विलंब को देखते हुए कहा कि हमने दो दिसंबर 2021 को रिक्त पदों को भरने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार अब तक यह नहीं बता पायी है कि नियुक्ति में देरी होने की क्या वजह है। देश की आर्थिक राजधानी मानी जानेवाली मुंबई के लिए डीआरएटी काफी महत्वपूर्ण संस्थान है। ऐसे में यदि केंद्र सरकार देश की अर्थव्यवस्था को बूस्टर देना चाहती है तो वह न्यायाधिकरण के रिक्त पदों को क्यों नहीं भर रही है जो एक तरह से बकाया राशि की वसूली में मदद करते हैं।
तो दूसरे तरीके से सोचना शुरु करेंगे
खंडपीठ ने केंद्र सरकार को 10 फरवरी तक रिक्त पदों को भरने को लेकर अपनी रुपरेखा बताने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह को कहा कि वे इस विषय को लेकर कोर्ट द्वारा जाहिर की गई चिंता के बारे मे संबंधित अधिकारी को बताए। क्योंकि यदि अगली सुनवाई के दौरान हमारे सामने मामले को लेकर एक साफ तस्वीर नहीं पेश की गई तो हम इसको लेकर दूसरे तरीके से सोचना शुरु करेंगे।
Created On :   4 Feb 2022 9:05 PM IST