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चढ़ता पारा रोक सकता है कोरोना की रफ्तार, कम लोग ही निकल रहे हैं घरों से बाहर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नौतपा शुरु हो गया, इस दौरान पड़ रही भीषण गर्मी ने कोरोना की मार झेल रहे लोगों की मुसीबत बढ़ा दी, लेकिन जानकारों का कहना है कि इससे कोरोना की रफ्तार कम जरूर हो जाएगा। इसका बड़ा कारण है कि इन दिनों तेज गर्मी के कारण लोग भी अपने घरों से कम ही निकल रहे हैं। पिछले दो दिनों से तापमान 46 डिग्री तक था। जो सोमवार को 47 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है। ऐसे में लू लगने का खतरा बढ़ गया है।
तापमान के अचानक बदलाव से बचे
भीषण गर्मी के समय बाहर से आकर तुरंत एसी या कूलर वाले कमरे जाने या ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए। इससे शरीर को नुक्सान पहुंच सकता है, जो घातक होता है।
आहार का रखें ध्यान
जब तापमान 45 डिग्री से ज्यादा होता है, तो आहार का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। इस समय शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है। समय-समय पर पानी पीना जरूरी है। इसके साथ ही अधिक मसालेदार व्यजंन से बचना चाहिए। जहां तक हो सके ताजा बना भोजन करना चाहिए।
दोपहर में बच्चे व बुजुर्ग न निकले बाहर
डॉ काटे ने कहा कि तापमान काफी ज्यादा है और दोपहर में गर्मी काफी ज्यादा होती है। ऐसे समय में बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। कोरोना के कारण भी दोनों आयु वर्ग के लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गई है। घर में रहने से कोरोना और गर्मी दोनों से बचाव संभव है।
विशेषजों की माने तो कोरोना के लिहाज से चढ़ता पारा अच्छे नतीजे ला सकता है। आईएमए महाराष्ट्र की असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ वंदना काटे ने बताया कि कोविड वायरस संबंधित अब तक हुए अध्ययनों के अनुसार अधिक तापमान पर वायरस के बचने की संभावना कम होती जाती है। ऐसे में बढ़ता तापमान कोरोना के संक्रमण की तेजी को कम कर सकता है। उन्होंने बताया कि गर्मी से होने वाली परेशानियों से बचाव जरूरी है। हालांकि लॉकडाउन होने के कारण घर से बाहर निकलने वालों की संख्या कम होने के कारण परेशानी भी कम होगी।
Created On :   25 May 2020 9:23 PM IST