गेहूँ में करनी पड़ रही औसत से ज्यादा सिंचाई, आगे उत्पादन पर भी हो सकता है असर

Higher than average irrigation in wheat, may also affect production
गेहूँ में करनी पड़ रही औसत से ज्यादा सिंचाई, आगे उत्पादन पर भी हो सकता है असर
गेहूँ में करनी पड़ रही औसत से ज्यादा सिंचाई, आगे उत्पादन पर भी हो सकता है असर

इस बार सर्दी की बारिश दे गई धोखा, अब हुई तो फसल को नुकसान
डिजिटल डेस्क जबलपुर  ।
हर साल दिसंबर-जनवरी में सर्दियों के दिनों में बारिश होती है जो फसलों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो जाती है, लेकिन इस बार के विंटर सीजन में ऐसी बारिश अब तक देखने नहीं मिली है। जाड़े के सीजन की बारिश न होने से खेतों के हाल ऐसे हैं खासकर गेहूँ की फसल में किसानों को औसत से अधिक सिंचाई की कवायद से गुजरना पड़ रहा है। खेत में सिंचाई के बाद हर कुछ दिनों में फसल सूख रही है और बार-बार नमी के लिए किसान ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार संभव है कि इस बार इससे गेहूँ के उत्पादन पर भी असर हो सकता है। समय से पहले बाली गर्मी की वजह से आ गईं और  इन हालातों में ज्यादा पौष्टिक दाना नहीं आ सकता है। पाटन क्षेत्र के किसान राहुल प्यासी कहते हैं कि चिंता यह है कि अब आगे होने वाली बारिश फायदा कम और नुकसान ज्यादा करा सकती है। गौरतलब है कि जिले में कुल कृषि क्षेत्र में से 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूँ की फसल बोई गई है। यह कुल रकबे का 64 फीसदी के करीब है। कृषि विवि हार्टीकल्चर विभाग के प्रोफेसर एसके पाण्डेय कहते हैं कि क्लाइमेट चेंज से निश्चित तौर पर इफेक्ट होता है। 
अब धीरे-धीरे बढ़ेगा तापमान
सर्दी का असर अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। मौसम वासंती होने के साथ सर्दी की विदाई भी होने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार 16 फरवरी से बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जिससे तापमान में बदलाव होगा और बादलों के साथ गर्मी बनी रहेगी। शुक्रवार को वैसे शहर में अधिकतम तापमान 29 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 2 डिग्री कम रहा। शहर और आसपास के एरिया में अभी 2 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से उत्तर-पूर्व की हवाएँ चल रही हैं। आने वाले 24 घण्टों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।

Created On :   13 Feb 2021 3:35 PM IST

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