जहाँ छोटे वाहन को जगह नहीं वहाँ हाइवा-डम्पर की धमाचौकड़ी

Hive-dumper explosion where small vehicle is not available
जहाँ छोटे वाहन को जगह नहीं वहाँ हाइवा-डम्पर की धमाचौकड़ी
जहाँ छोटे वाहन को जगह नहीं वहाँ हाइवा-डम्पर की धमाचौकड़ी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । गढ़ा में तीन प्रमुख सड़क बन रही हैं। इन सड़कों के निर्माण के दौरान आदमी खून के आँसू रो रहा है। इन सड़कों के पास  दिन में उड़ती धूल और बिगड़ता यातायात परेशानी पैदा करता है तो रात के वक्त गिट्टी और रेत से लदे हाइवा और डम्पर जानलेवा हालात पैदा किये हुये हैं।  गौतम मढिय़ा से संजीवनी नगर, गुलौआ चौक से रेलवे क्रॉसिंग और मेडिकल तिराहा से मेडिकल अस्पताल गेट के सामने तक रात के समय तो निकलना गुनाह सा हो गया है। रात के वक्त हाइवा और डम्पर को प्रवेश की अनुमति मिलते ही उन जगहों पर जहाँ पर निर्माण सामग्री पड़ी, सड़क खोदी गई या फिर एक हिस्सा बंद है वहाँ तो एक-एक पग भारी सा हो गया है। इन सड़क निर्माण वाले हिस्सों में न संकेतक, न किसी तरह का सूचना फलक और न ही कोई स्टॉपर बस जैसे-तैसे हाइवा, डम्पर और अन्य ऐसे लोडेड वाहनों के करीब से साँसत में जान अटकाये लोग निकल रहे हैं।  सड़क निर्माण में हो रही देरी और परेशानी पर नगर निगम लोक निर्माण विभाग का कहना है कि तीनों सड़कों पर काम चल रहा है जो जल्द पूरा हो जाएगा।
सता-सताकर हो रहा निर्माण
 सड़कों का ऐसा निर्माण लोगों को हजार किस्म की तकलीफ बाँट रहा है। इस बात का ध्यान ही नहीं रख जा रहा है कि कोई हादसा भी हो सकता है। छोटे वाहन चालक तो इन सड़कों के निर्माण एरिया में कई बारी गिरकर घायल तक हो रहे हैं। नगर निगम के जिम्मेदार जो इन निर्माणों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं उन्हें इसका होश ही नहीं है कि जहाँ पर परेशानी ज्यादा है वहाँ तो कम से कम सूचना फलक लगायें, अन्य तरह के जतन करें, ताकि आम आदमी जो यहाँ से निकलता है उसकी कुछ तकलीफ कम हो सके।
यहाँ तो एकदम खतरनाक मंजर
 गौतम मढिय़ा के सामने एक सड़क ऊँची और एक हिस्सा नीचा है। अब रात 9 के बाद जैसे ही हाइवा, डम्पर इस प्वॉइंट पर पहुँचते हैं तो ऊँचे वाले हिस्से से बड़ा वाहन नीचे लटकता दिखता है। बड़ा वाहन पास ही आड़ी-तिरछी हालत में देखकर दो पहिया वाहन चालक  की साँसें फूल जाती हैं। फिसलन भरी सड़क पर  हालात ऐसे कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। कुछ इसी तरह के हालात मेडिकल अस्पताल गेट के सामने देखे जा सकते हैं। खास बात यह है कि इन तकलीफ और दुर्घटना के लिहाज से आशंका वाली जगहों पर कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मी तक नजर नहीं आता है जो वाहनों का मार्ग प्रशस्त कर सके। आम आदमी को झोंक दिया बस तकलीफ सहन करो और जैसे-तैसे निकलो।

 

Created On :   16 Dec 2020 1:55 PM IST

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