पूरे शहर में नेताओं के होर्डिंग लगे, आखिर कर क्या रही है नगर निगम

Hoarding of leaders started in the entire city, what is the Municipal Corporation doing after all
पूरे शहर में नेताओं के होर्डिंग लगे, आखिर कर क्या रही है नगर निगम
पूरे शहर में नेताओं के होर्डिंग लगे, आखिर कर क्या रही है नगर निगम

अवैध होर्डिंग्स से संबंधित अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी,नगर निगम को जवाब पेश करने के निर्देश
डिजिटल डेस्क जबलपुर
। अवैध होर्डिंग्स को लेकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए आउटडोर एडवरटाईजमेंट रूल्स 2016 का पालन न होने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को कड़ा रुख अपनाया। जस्टिस संजय यादव और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि पूरे जबलपुर शहर में नेताओं के जन्मदिन के होर्डिंग्स लगे हुए हैं। आखिर नगर निगम क्या कर रही है। युगलपीठ ने नगर निगम को मामले पर जवाब पेश करने के निर्देश देकर अलगी सुनवाई मार्च के पहले सप्ताह में निर्धारित की है। अधिवक्ता विनोद सिसोदिया की ओर से दायर इस अवमानना याचिका में कहा गया है कि सड़क किनारे मनमाने तरीके से होर्डिग्स-फ्लैक्स लगाये जाने के खिलाफ वर्ष 2009 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी। उस मामले परहाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश आउटडोर एडवरटाइज रूल्स बनाये गये थे। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये थे। याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्चन्यायालय के निर्देश तथा मध्य प्रदेश आउटडोर एडवरटाइज रूल्स की अनदेखी करते हुए सड़को के किनारे  अवैध तरीके से होर्डिग्स व फलैक्स लगाये जाने के खिलाफ दायर मामले पर हाईकोर्ट ने पूर्व में याचिकाकर्ता को
स्वतंत्रता दी थी कि वो संबंधित विभाग को शिकायत दें, जिस पर विधि अनुसार कार्रवाई की जाए। शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई न किए जाने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई। याचिका में प्रदेश के मुख्य सचिव सुधीरंजन मोहन्ती, नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे, डीजीपी वीके सिंह, जबलपुर कलेक्टर भरत यादव, एसपी अमित सिंह, नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार, केण्ट बोर्डके सीईओ सुब्रत पॉल और पमरे के महाप्रबंधक अजय विजयवर्गीय को पक्षकार बनाया गया है।
मामले पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा, राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता भूपेश तिवारी, नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह और केन्ट बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा नायर हाजिर हुईं। सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि इस मामले पर सिर्फ प्रमुख सचिव संजय दुबे का जवाब आया है, शेष अनावेदकों ने अब तक जवाब पेश नहीं किया। इसी तरह पमरे में भी नए
महाप्रबंधक ने पदभार संभाला है। युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को कहा कि वे पमरे के नए जीएम को याचिका में पक्षकार बनाए और जो अभी शहर में नेताओं के जो अवैध होर्डिंग्स लगे हैं उनके फोटोग्राफ्स पेश करें। साथ ही नगर निगम अवैध होर्डिंग्स के बारे में अपना जवाब पेश करे।
 

Created On :   19 Feb 2020 1:13 PM IST

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